पौने तीन घंटे की नींद और मैनपुरी रवानगी
मुख्य संवाददाता, बदायूं : शायद स्टाफ को पहले से ही पता था, तभी तो सुबह छह बजे ही ड्राइवर से लेकर सुरक्षाकर्मी तक सब अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद। देर रात तक जगना और सुबह जल्दी उठना अमूमन सांसद धर्मेन्द्र यादव की आदत में शुमार है, लेकिन महीनों से चुनाव प्रचार में दिन रात की भागदौड़ के बाद गुरुवार को मतदान के बाद भी लोगों से मिलने व बातचीत का क्रम देर रात्रि करीब दो बजे के बाद तक तक चलता रहा। इसके बाद भी अगले दिन सुबह छह बजे जब वे तैयार होकर मिलने वालों के बीच पहुंच गए तो कई लोग अवाक रह गए।
शुक्रवार सुबह 6.30 बजे सांसद धर्मेन्द्र यादव के आवास पर मिलने वालों की भीड़ लग गई। कुछ उनके अपने क्षेत्र के नेता व कार्यकर्ता तो कुछ दूसरे क्षेत्रों से भी आए थे लोग। वह मुस्कुराते हुए सबसे हालचाल पूछते हैं और साथ में कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देना नहीं भूले। उधर कार्यकर्ता भी एक-एक बूथ का आंखों देखा हाल सुनाते हैं। सयुस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव मंसूर आलम बीच में बोल पड़ते हैं कि मुसलमानों को कोई बरगला नहीं पाया। मैं तो उन इलाकों में था। सांसद के निजी सचिव अवधेश यादव ने हां में हां मिलाते हुए कहा कि मतदान को लेकर उत्साह भी खूब रहा। इसी बीच दूसरे सहयोगी विपिन ने मोबाइल थमाते हुए कहा कि मैनपुरी से फोन है। मोबाइल थामते ही वे शुरू हो जाते हैं अरे निकल रहा हूं। कुछ जगह लोगों का आभार व्यक्त करते हुए शाम को पहुंच जाऊंगा। कार्यालय प्रभारी मुनीर अहमद से भी फीडबैक लेते हैं। इसी बीच सचिन सूर्यवंशी, भानुप्रकाश यादव भानु, महेश गुप्ता, नवनीत गुप्ता सोंटू, दास कालेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष स्वाले चौधरी, सुहेल चौधरी भी अपने-अपने बूथों का फीडबैक देते हैं। जीत का अंतर कोई डेढ़ लाख तो कोई दो से ऊपर बता रहा है। इसी बीच डा. इमरान कहते हैं कि अरे लड़ ही कौन रहा था। पहले ही मैदान छोड़ने वाली स्थिति सबकी हो गई थी। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए गुन्नौर क्षेत्र से आए योगेन्द्र पाल सिंह तोमर कहते हैं कि कल्याण सिंह को छोड़ दें तो भाजपा का कोई बड़ा नेता सभा करने तक नहीं आया। यही स्थिति बसपा की भी रही। लगता है इन लोगों ने पहले ही मान लिया था कि यहां कुछ मिलने वाला नहीं है। बीआर सिंह राघव उनकी बात का समर्थन करते हैं। इसी बीच सांसद ने खुद भी सबके साथ ही दलिया का नाश्ता किया और काफी पी। घड़ी ने साढ़े आठ बजा दिए। इसी बीच मोबाइल की घंटी बजती है। उधर से सहसवान नगर पालिका के चेयरमैन नूरुद्दीन लाइन पर हैं। एडवांस बधाई एवं धन्यवाद के बाद कहते हैं कि बस निकल रहा हूं। सीधे उधर ही आऊंगा। इसके बाद बताते हैं कि पौने तीन घंटे सोया हूं। मैनपुरी भी पहुंचना है, उससे पहले लोगों का आभार भी व्यक्त करना है। गाड़ी पर बैठते हैं। काफिला ज्यों ही बढ़ता है सामने से चुनाव प्रभारी उमाशंकर चौधरी की गाड़ी आ जाती है। धर्मेन्द्र यादव उतरकर तीन मिनट उनसे अकेले में गुफ्तगू करते हैं और फिर काफिला क्षेत्र की ओर बढ़ जाता है।