मतदान पर्ची ने किया वोटरों को निराश
जासं, बदायूं : जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए इस बार सबसे ज्यादा प्रयास किए गए। जिसका असर यह रहा कि मतदान प्रतिशत तो बढ़ा, फिर भी अपेक्षित मतदान नहीं हो सका। इसके कारण तो कई रहे, लेकिन सबसे बड़ा कारण वोटर पर्ची को माना जा रहा है। शायद ही ऐसा कोई बूथ रहा हो जहां वोटर पर्ची की शिकायत न मिली हो। यह चुनाव भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए बड़ा सबक दे गया।
चुनाव आयोग पिछले एक साल से शत प्रतिशत मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए निरंतर अभियान चला रहा था। शहर से लेकर गांव तक जन जागरूकता अभियान चलाया गया। बूथों पर चौपाल लगाए गए और महाविद्यालयों में केंद्र स्थापित कर छात्र-छात्राओं के भी पहचान पत्र बनवाए गए। यहां तक कि नए मतदाताओं को रंगीन वोटर आईडी भी मुहैया कराई गई।
मतदाताओं को कहीं कोई दिक्कत न हो इसलिए वोटर पर्ची वितरित कराने की जिम्मेदारी सभी बीएलओ को सौंपी गई थी, लेकिन अधिकांश स्थानों पर मतदाताओं तक पर्चियां नहीं पहुंच सकीं। इसको लेकर शहर से लेकर गांव तक के बूथों पर विवाद हुआ। मजे की बात यह कि प्रशासनिक अधिकारियों ने भी वोटर आईडी बनवा ली थी, लेकिन उनके घरों तक भी वोटर पर्ची नहीं पहुंच सकी। इस वजह से तमाम लोग मतदान नहीं कर सके। वोटर पर्ची के मामले में यह चुनाव भविष्य के लिए अधिकारियों को सबक दे गया।
कहां कितने पड़े वोट
बिसौली -60 प्रतिशत
सहसवान-60 प्रतिशत
बिल्सी -60 प्रतिशत
बदायूं - 64 प्रतिशत
शेखूपुर - 64 प्रतिशत
दातागंज -61 प्रतिशत
गुन्नौर -62 प्रतिशत