90 केंद्रों पर परीक्षा देंगे 60 हजार परीक्षार्थी
बदायूं : यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। इस बार जिले में 90 परीक्षा केंद्रों पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के करीब 60 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। पिछले साल की अपेक्षा इस बार लगभग आठ हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा केन्द्र उन्ही विद्यालयों को बनाया गया है। जिन विद्यालयों के पास पर्याप्त कमरे, कुर्सी मेज, चारदीवारी, पर्याप्त छात्र संख्या, और छात्रों के पहुंचने के साधन है।
आगामी तीन मार्च से बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। हाईस्कूल मे लगभग 43 हजार व इण्टर के लगभग 17 हजार छात्र-छात्राओं ने परीक्षा फार्म भरा है। इनके लिए 90 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में प्रशासनिक अधिकारियों की भी आख्या ली गई, लेकिन तमाम परीक्षा केंद्रों पर सवाल भी उठ रहे हैं। आरोप लग रहे हैं कि मानकों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से इन परीक्षा केन्द्रों पर शुरू से ही विवादों का साया रहा है। हाल में ही एक विद्यालय के प्रबंधक ने परीक्षा केन्द्रों की मनमानी को लेकर डीआईओएस पर गम्भीर आरोप लगाये थे। प्रबंधक का आरोप था कि डीआईओएस ने मानक के अनुरूप परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण नही किया है। जहां परीक्षा केन्द्रों पर अभी जेडी की अन्तिम मुहर लगनी बाकी है। वही मनमानी केन्द्र बनाने का विवादों से नाता भी नाता नही छूट पा रहा है। इन विवादों के बारे में जब डीआईओएस वीना यादव से पूछा गया तो उन्होने कहा कि सभी परीक्षा केन्द्र मानक के अनुसार ही बनाये गये है। परीक्षा केन्द्र बनाने सभी मानकों का पूरा पालन किया गया है। प्रबंधक के आरोप निराधार है।
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परीक्षा केंद्रों की काली सूची ही गायब
बोर्ड परीक्षा के दौरान जब भी सामूहिक नकल जैसा मामला पकड़ा जाता हो तो विभागीय अधिकारी उस केंद्र को डिबार करने के साथ काली सूची में डाले जाने जैसी बातें खूब प्रचारित करवाते हैं। अब विभाग की ईमानदारी तो देखिए विगत वर्षो काली सूची में डाले गए विद्यालयों का ब्योरा ही गायब हो गया। बोर्ड परीक्षा में पिछली साल कितने केन्द्रों का काली सूची में डाला गया था। इस रिकार्ड को आफिस से गायब कर दिया है। काली सूची के बारे में आफिस को कोई अधिकारी या बाबू कुछ बोलने को राजी नही हैं।
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