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ंजीएसटी का जाल, व्यापारी कैसे बेचेंगे माल

- दुकान तक माल पहुंचने में लगेगा समय, लेखा-जोखा में भी होगी दिक्कत जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 01:01 AM (IST)
ंजीएसटी का जाल, व्यापारी कैसे बेचेंगे माल
ंजीएसटी का जाल, व्यापारी कैसे बेचेंगे माल

- दुकान तक माल पहुंचने में लगेगा समय, लेखा-जोखा में भी होगी दिक्कत

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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जीएसटी को लेकर सरकार लोगों को समझा रही है कि इससे वस्तुओं की कीमतें कम होंगी और उपभोक्ताओं पर कर का भार कम होगा। उधर, व्यापारी इसे काला कानून बता कर विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग संशय में है। वह जीएसटी में कम्प्यूटर आदि से रिटर्न भरने आदि से आने वाली दिक्कत को लेकर परेशान हैं।

व्यापारियों की माने तो वे जीएसटी का विरोध नहीं कर रहे हैं।बल्कि कानूनी पेचीदगी दूर नहीं हुई तो साधारण व्यापारियों को हिसाब-किताब करने में दिक्कत होगी। खास बात यह है कि पहले रिटर्न अगले माह की 20 तारीख को भरना होता था लेकिन इस बार तीन बार ऐसा करना होगा। बिक्री का रिटर्न 10 तारीख, खरीद का रिटर्न 15 तारीख और रिटर्न 20 तारीख का दाखिल करना होगा। यही नहीं आनलाइन कम्प्यूटर से रिटर्न भरने में काफी परेशानी होगी। क्योंकि काफी संख्या में पारंगत कम्प्यूटर आपरेटर का मिलना मुश्किल है। यही नहीं स्टेट, इंटर स्टेट एवं केंद्र सरकार तीनों को रिटर्न दाखिला भेजना होगा। खास बात यह भी है कि दुकान तक माल पहुंचने में काफी समय लगेगा। समाधान अब 50 से 75 लाख रुपये कर दिया गया तो उस पर टैक्स 00.5 फीसद से बढा़कर एक फीसद, दो फीसद और पांच फीसद कर दिया गया है। ऐसे में खरीद-बिक्री का लेखा-जोखा सही करने में छोटे और मझोले कारोबारियों को काफी दिक्कत होगी। कोई गलत रिपोर्ट दाखिल होने के बाद उसके संशोधन की कोई व्यवस्था नहीं है।

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क्या कहते हैं अधिकारी-व्यापारी

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“व्यापारी जीएसटी के विरोधी नहीं हैं। बल्कि उसकी कानूनी पेचीदगी को दूर करने की मांग काफी अरसे से की जा रही है। इससे साधारण कारोबारियों को परेशानी होगी। प्रशिक्षित कम्प्यूटर आपरेटर की अनुपलब्धता, समय से माल पहुंचने से लेकर तमाम व्यवहारिक परेशानी आएगी जिसका समाधान होना जरूरी है।

------(संत प्रसाद अग्रवाल, नगर अध्यक्ष, उ.प्र.उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल)

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“विशेष कर व्यापारी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को लेकर परेशान हैं कि क्लो¨जग स्टाक के बाद उनको लाभ मिलेगा कि नहीं। रही बात कार्यशाला की तो इसमें व्यापारियों की हर समस्या का समाधान किया जा रहा है जिससे वे काफी संतुष्ट भी हैं। कुछ समस्याओं के समाधान के संबंध में ऊपर स्तर तक भेजा जाता है। कार्यशाला में ट्रेडवार अब तक लगभग 300 कारोबारी और उनके प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं।

----सुनील कुमार जायसवाल, वाणिज्य कर अधिकारी, आजमगढ़।


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