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कोटेदारों के खिलाफ ग्रामीणों की हुंकार

सगड़ी (आजमगढ़) : खाद्यान्न वितरण में कोटेदारों की जा रही अनियमितता की शिकायत थमने का नाम ले रही है

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 08:58 PM (IST)
कोटेदारों के खिलाफ ग्रामीणों की हुंकार

सगड़ी (आजमगढ़) : खाद्यान्न वितरण में कोटेदारों की जा रही अनियमितता की शिकायत थमने का नाम ले रही है। जिला पूर्ति महकमा और प्रशासन अंजान बना हुआ तो ग्रामीणों भी अब आंदोलित हो गए हैं। मंगलवार को तहसील सगड़ी में क्षेत्र के कई गांव के ग्रामीणों ने कोटेदारों पर राशन वितरण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दुकान बर्खास्त करने की मांग की।

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोटेदारों द्वारा पात्र गृहस्थी, अंत्योदय कार्ड पर यूनिट के अनुसार खाद्यान नहीं दिया जा रहा है। पैसा भी अधिक लिया जा रहा है और खुले बाजार में खाद्यान्न बेंच दे रहे हैं। लाडो बलिया के कोटेदार के खिलाफ ग्रामीणों ने मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने की शिकायत की। कोटेदार को गिरफ्तार करने की मांग उठाई। महराजगंज ब्लाक के नौबरार त्रिपुरार आईमा के ग्रामीणों ने कोटेदार के खिलाफ शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया कि कोटदार चीनी कभी नहीं देते हैं। तेल कभी-कभार देते हैं ऊपर से पैसा अधिक लिया जाता है। आरोप लगाया कि समय से वितरण भी नहीं होता। मनमाने ढंग से खाद्यान्न वितरित होता है। शिकायत करने पर मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। अजमतगढ़ ब्लाक के इसरहा भरौली के कोटेदार के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया। पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न न देने और पैसा अधिक लेने की शिकायत करते हुए दुकान बर्खास्त करने की मांग की। उपजिलाधिकारी ने जांच कर कारवाई करने का आश्वासन दिया और पूर्ति निरीक्षक से आख्या मांगी। विरोध-प्रदर्शन में नर¨सह यादव, तीर्थ राज यादव, दयाराम यादव, रमेश, मिठाई , भुलाई, शीला, उर्मिला ,जयंती, दुर्गावती ,शकुंतला, अनीता, अजीता ,बचिया, दमयंती, उर्मिला आदि थे।

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- कोटेदार के पक्ष में भी आए ग्रामीण

सगड़ी : लाडो बलिया के ग्रामीणों ने कोटेदार हरिश्चंद्र चौहान द्वारा 22 सितंबर को

शकुंतला पुत्री बगेदु राम को खाद्यान्न मांगने पर मारने-पीटने का आरोप लगाते हुए

उपजिलाधिकारी का घेराव किया गया था। दुकान बर्खास्त करते हुए

मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया लेकिन कोटेदार को न तो

गिरफ्तार किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। इसे लेकर ग्रामीण काफी

उत्तेजित थे और नारेबाजी करते रहे। तभी उसी गांव की तीन दर्जन से अधिक

महिलाएं और पुरुष कोटेदार के समर्थन में उतरे आए। कहा कि पूरी घटना सही

नहीं है। कोटेदार को फंसाने की साजिश की जा रही है।


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