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विदेशों तक है अल्लामा शिब्ली की काबिलियत : काजी

आजमगढ़ : शहर के शिब्ली नेशनल पीजी कालेज में शनिवार से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शिरत-ए-उम्मत-उल मोमेमीन

By Edited By: Published: Sat, 21 Nov 2015 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2015 06:26 PM (IST)
विदेशों तक है अल्लामा शिब्ली की काबिलियत : काजी

आजमगढ़ : शहर के शिब्ली नेशनल पीजी कालेज में शनिवार से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शिरत-ए-उम्मत-उल मोमेमीन शुरू हो गया है। सम्मेलन का शुभारंभ सर्वप्रथम कारी शफीउर्रहमान द्वारा कलाम की तिलावत से की गई। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. गयास अहमद ने प्रतीक चिह्न देकर किया।

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संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मिश्र से आए हुए प्रकांड विद्वान (सेवानिवृत्त् प्रोफेसर, जामिया अजहर विश्वविद्यालय) अहमद अब्दुर्रहमान अल काजी ने कहा कि अल्लामा शिब्ली नोमानी की काबिलियत देश ही नहीं विदेशों में भी देखी गई। वे शिक्षा के प्रति काफी गंभीर थे। इसके कारण शिब्ली कालेज की स्थापना की। आज से सवा सौ साल पहले इस्लामिक शिक्षा के उद्देश्य के लिए मिश्र देश की यात्रा की तथा यहां एक महीने तक रहकर यहां की जुबान सीखी। शिब्ली कालेज में आयोजित संगोष्ठी समस्त समुदाय के लिए अनुकरणीय है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब की पात्नियों के समस्त सिद्धांतों को आत्मसात किया जाए तो नई पीढ़ी को नई शिक्षा हासिल होगी। मोहम्मद साहब के जीवन मूल्यों को प्रस्तुत करने के लिए इनकी पत्नियां प्रमाणिक स्त्रोत हैं। प्रबंध समिति के अध्यक्ष रिजवान अहमद फारुकी एवं प्रबंधक न्याज अहमद जमाली ने कहा कि आज के युवा पीढ़ी को अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को उतारना चाहिए। इस अवसर पर प्राचार्य डा. ग्यास असद खान, चीफ प्राक्टर अबू सहमा, डा. जुहूर आलम, डा. सलमान अंसारी, निशांत परवीन, डा. मुनीर, डा. आलमगीर, डा. बीके ¨सह सहित समस्त शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे।


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