Move to Jagran APP

मोना की हत्या पर धधकी आक्रोश की ज्वाला

कंधरापुर (आजमगढ़) : सिरफिरे आशिक की गोली से मृत छात्रा मोना के शव को शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 05:58 PM (IST)
मोना की हत्या पर धधकी आक्रोश की ज्वाला

कंधरापुर (आजमगढ़) : सिरफिरे आशिक की गोली से मृत छात्रा मोना के शव को शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने कंधरापुर थाने के समीप सड़क पर रख मार्ग अवरुद्ध कर दिया। हर आंख में आक्रोश की ज्वाला धधक रही थी। ग्रामीण हत्यारोपी की गिरफ्तारी एवं मृतका के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दिलाए जाने की मांग कर रहे थे। दो घंटे तक चले जाम के कारण फैजाबाद-लखनऊ हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। कई थानों की फोर्स व पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने 48 घंटे के भीतर आरोपी की गिरफ्तारी और शासन से मदद दिलाने का आश्वासन देकर किसी तरह जाम समाप्त कराया।

loksabha election banner

बता दें कि 29 जुलाई की सुबह कंधरापुर के पश्चिम का पूरा निवासी स्व. मुराली यादव की पुत्री व इंटर की छात्रा मोना को एकतरफा प्यार की चलते गांव के ही सिरफिरे आशिक राकेश यादव पुत्र कतवारू ने पहले चाकू मारा और फिर उसके सीने में गोली मार दी और फरार हो गया। गंभीर रूप जख्मी मोना ने शुक्रवार की सुबह वाराणसी के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शव घर लाया गया। छात्रा की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह लगभग आठ बजे शव को कंधरापुर थाने के समीप सड़क पर रख कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया। जाम की सूचना पाकर एसडीएम सदर अशोक कुमार ¨सह व सीओ सिटी केके सरोज एवं कई थानों की फोर्स व पीएसी मौके पर पहुंची। ग्रामीण हत्यारोपी की गिरफ्तारी, मृतका के परिजनों को सरकारी मदद एवं प्राथमिक विद्यालय में रेसाइया पद पर तैनात मोना की मां मालती को नियमित किए जाने की मांग पर अड़े रहे। अधिकारियों ने 48 घंटे के अंदर हत्यारोपी की गिरफ्तारी और शासन से परिजनों को सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन देकर सुबह लगभग 10 बजे जाम समाप्त कराया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में शव को शहर के राजघाट श्मशान लाया गया जहां अंतिम संस्कार किया गया।

.......

घर में ताला बंद कर परिजन फरार

कंधरापुर (आजमगढ़): घटना के बाद से फरार चल रहे छात्रा मोना का हत्यारोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। अपराधी प्रवृत्ति राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अंधेरे में हाथ-पांव मार रही है। घटना के बाद से ही उसके परिजन भी घर में ताला लगाकर फरार हैं। पुलिस ने घटना प्रयुक्त धारदार हथियार बरामद करने का दावा किया है लेकिन आरोपी अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है। ग्रामीणों के अनुसार आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण पुलिस भी शिथिल बनी ह़ुई है।

---------छह माह पूर्व ही जेल से छूटा है राकेश

कंधरापुर (आजमगढ़): किसी आपराधिक जुर्म में जेल में बंद राकेश छह माह पूर्व ही जमानत पर छूटा और उसके बाद से ही मोना और उसकी मां मालती को वह धमकाता रहा। घटना के एक दिन पूर्व उसने मालती को यह धमकी दी कि यदि मोना मेरी नहीं होगी तो उसके साथ ही पूरे परिवार का सफाया कर दिया जाएगा। इससे अनहोनी की आशंका से परिवार सहमा रहा। अंतत: उनकी आशंका भी सच निकली।

-------चार दिन पहले भी चढ़ा था पुलिस के हत्थे

चर्चा तो यह भी है कि घटना से चार दिन पूर्व तारकटी के मामले में पुलिस ने राकेश को हिरासत में लिया था लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसे छोड़ दिया गया। नतीजा अपराधी प्रवृत्ति युवक के चलते एक निर्दोष छात्रा को जान से हाथ धोना पड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.