सफाईकर्मी नदारद, युवाओं ने संभाली कमान
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : प्रदेश सरकार का ध्यान लोहिया गांव को सजाने संवारनें में लगा है लेकिन सफाई कर्मचा
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : प्रदेश सरकार का ध्यान लोहिया गांव को सजाने संवारनें में लगा है लेकिन सफाई कर्मचारी उस पर पानी फेरने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण लोहिया गांव पटाधन का दारूपुर है जिसमें कभी भी सफाई कर्मी नहीं आते हैं। नालियां बजबजा रही हैं। गंदगी से जाम नालियों से उठ रही दुर्गंध से सांस लेना दुश्वार हो गया। इससे ग्रामीणों को बीमारी का भय सता रहा था।
नालियां ओवरफ्लो कर सड़क पर बह रही थी। सफाई कर्मियों से आजिज आकर गांव के युवाओं ने रविवार को स्वयं मोर्चा संभाला और लोगों के सामने नजीर पेश की कि कोई भी काम छोटा नहीं है। सुनील यादव ने गांव का चयन जब लोहिया गांव के रूप में चयन हुआ तो लगा की सभी समस्याओं का शीघ्र ही समाधान होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। गांव में पैदल चलना किसी दुश्वारी से कम नहीं है। गर्मी में गंदगी के चलते कब कौन भयंकर संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।
रामकेश वर्मा ने कहा बीच सड़क में नाली ऊपर से कीचड़ ऐसे में घर से निकलने में डर बना रहता है। शंभू कन्नौजिया का कहना है कि गर्मी में मच्छरों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। अखिलेश वर्मा का कहना है कि कई बार इस संबंध में प्रधान से शिकायत की गई लेकिन कभी किसी सफाई कर्मी को नहीं भेजा। इससे आजिज आकर हम सब युवाओं ने राय किया कि गांव की नालियों को स्वयं साफ करेंगे।
शैलेश यादव ने कहा कि गांव के विकास के लिए आए सरकारी धन की बंदरबाट तक सिमटे हैं। जलनिकासी के लिए अभी तक पूरी नाली ही अधूरी है। इससे गंदगी से मुक्ति मिलती कहीं से दिखाई नहीं देती है। रामफल यादव का कहना है कि ग्राम प्रधान को जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। वे सिर्फ अपनी झोली भरने तक सिमटे हुए हैं।
खंड विकास अधिकारी डा. अरुण कुमार यादव ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में कभी नहीं आया। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।