एक और किसान की थमी सांस
जहानागंज (आजमगढ़) : बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई गेहूं की फसल को देख सदमे से किसानों की मौत का स
जहानागंज (आजमगढ़) : बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई गेहूं की फसल को देख सदमे से किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तहसील सदर के जहानागंज थानांतर्गत बरहतिर जगदीशपुर गांव निवासी किसान श्यामधारी यादव (62) मड़ाई के दौरान गेहूं की कम उपज देख काफी ¨चतित हुए और उनकी सांसे थम गईं। सूचना पाकर उप जिलाधिकारी सदर अशोक कुमार ¨सह पहुंचे और परिजनों से मिलकर सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
दरअसल, श्यामधारी यादव ने अपने खेत से गेहूं के बोझ को दिन पूर्व दरवाजे पर लाया था। गुरुवार की रात लगभग 10 बजे से मड़ाई का कार्य शुरू हुआ। इस दौरान वह बार-बार कहते रहे कि अरे यह क्या, यह तो गेहूं नहीं के बराबर निकल रहा है। ऐसे में पूरे साल का दाना-पानी कैसे चलेगा। वह बोरे में गेहूं रख रहे थे कि अचानक उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें पसीना आने लगा। आननफानन उन्हें जहानागंज स्थित चिकित्सक के यहां ले जा रहा था कि वहां पहुंचते ही उनकी सांसे थम गईं। घर पर शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शुक्रवार की सुबह सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी सदर अशोक कुमार ¨सह, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा राजस्व निरीक्षक यदुवंशी यादव, लेखपाल राजदेव प्रजापति मृत किसान के घर पहुंच गए। परिजनों को ढाढस बंधाते हुए उपजिलाधिकारी सदर ने बताया कि शासन स्तर से जो भी मदद होगी, उसे दिलाया जाएगा। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई के कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार शहर के राजघाट स्थित तमसा किनारे किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे पुत्र सुनील ने दिया।