पेंशन नहीं तो मूल्यांकन भी नहीं
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन व सवित्त शिक्षक संघ की रविवार को संयुक्त रूप से प्रेसवार्त
आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक वित्तविहीन व सवित्त शिक्षक संघ की रविवार को संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता शहर स्थित एक होटल में हुई। इसमें शिक्षक नेताओं ने एक स्वर से मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया और कहा कि अगर उनको बुढ़ापे की पेंशन नहीं मिलेगी तो मूल्यांकन भी नहीं किया जाएगा।
प्रदेश संरक्षक दिवाकर तिवारी, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य शैलेश राय व वित्तविहीन शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का निर्णय लिया था कि सत्ता में आते ही वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय सुनिश्चित करेगी। साथ ही अद्यतन कार्यरत शिक्षकों का विनियमितीकरण करेगी। शिक्षक नेताओं ने संयुक्त वार्ता में बताया कि सरकार अपने घोषणा पत्र में पूरी तरह विमुख हो गई है।
मंडलीय मंत्री शेषनाथ मिश्र तथा मीडिया प्रभारी वित्तविहीन शिक्षक संघ अच्युतानंद त्रिपाठी ने कहा कि सरकार शिक्षा से लेकर सारे क्षेत्रों में असफल रही है। शिक्षित बेरोजगारों का भयंकर शोषण हो रहा है जो शिक्षक मानदेय के अभाव में स्कूलों में पढ़ाने का प्रयास करेगा। उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी यह कल्पना करने मात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कानून व्यवस्था के क्षेत्र में भी यह सरकार पूरी तरह असफल है।
नेताओं ने यह संकल्प व्यक्त किया कि जब तक सरकार हमारी समस्त मांगे पूरी नहीं होती तब तक मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा। पूरे प्रदेश के समस्त शैक्षिक संगठनों का समर्थन भी प्राप्त हो चुका है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि संघर्ष ही एक रास्ता है। जिसके माध्यम से हम अपने परिणाम का रास्ता प्रशस्त करेंगे। ऐसी स्थिति में मूल्यांकन बहिष्कार सभी संगठन एक मत से होकर सफल बनाएं।
संगठनों से सरकार से यह भी मांग किया कि पुरानी पेंशन बहाली सीटी, एलटी के समस्या का समाधान को तथा कंप्यूटर एक व्यावसायिक शिक्षक को विनियमितीकरण तथा पारिश्रमिक के सीबीएससी के समान किया जाए। इस दौरान डा. सुधीर कुमार श्रीवास्तव, शेषनाथ मिश्र, रणजीत राय, विजय तिवारी, महादेव यादव, रविशंकर लाल, केदारनाथ ¨सह आदि उपस्थित थे।