बाबू विश्राम राय ने दिखाया समाजवाद का रास्ता
आजमगढ़ : बाबू विश्राम राय स्मृति समाजवादी विचार मंच के तत्वावधान में बाबू विश्राम राय की 24वीं पुण्य
आजमगढ़ : बाबू विश्राम राय स्मृति समाजवादी विचार मंच के तत्वावधान में बाबू विश्राम राय की 24वीं पुण्यतिथि पर मुख्यालय स्थित नेहरू हाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम सुबह कलेक्ट्रेट स्थित बाबू विश्राम राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण से शुरू हुआ। माल्यार्पण सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव सहित अतिथियों ने किया। कार्यक्रम में संस्थान की तरफ से डा. कन्हैया सिंह, राममूरत सिंह, मेवा लाल गोस्वामी एवं दिवाकर तिवारी को सम्मानित किया गया।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं गांधीवादी राष्ट्रवादी विचारक राममूरत सिंह ने कहा कि मानवता की सेवा ही बाबू विश्राम राय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विभिन्न राष्ट्रवादी चरित्रों पर प्रकाश डालते हुए श्री सिंह ने कहा कि बाबू विश्राम राय ने समाजवाद का ऐसा रास्ता दिखाया जिस पर वह खुद चलने में ही विश्वास करते थे। उत्तर प्रदेश हिन्दी सेवा संस्थान के पूर्व अध्यक्ष एवं दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डा. कन्हैया सिंह एवं हवलदार यादव ने लोगों का आह्वान किया कि वह समाज में पथ प्रदर्शक की भूमिका अदा करें। उन्होंने बाबू विश्राम राय से संबंधित विभिन्न संस्मरणों को सुनाकर उनको याद किया। लोकतंत्र सेनानी एवं गांधीवादी विचारक मेवालाल गोस्वामी ने कहा कि इस संस्थान को समाज में कुछ और रचनात्मक कार्य करने की आवश्यकता है। वरिष्ठ शिक्षक नेता एवं वक्ता वेदपाल सिंह एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने कहा कि समाजवाद का अर्थ पार्टी की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता बल्कि यह एक विचारधारा है। आज समाजवाद परिवारवाद में सिमटता जा रहा है। नेताद्वय लोगों का आह्वान किया कि बाबू विश्राम राय के पदचिह्नों पर चलकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में आरपी राय, रामाधीन सिंह, जुल्फेकार बेग, हवलदार सिंह, लालबिहारी यादव, इरफान अहमद, सभाजीत सिंह, रामलवट मिश्र, बलिहारी बाबू, रामकृष्ण यादव, गोविंद दयाल सिंह, दीनानाथ चौबे, कल्पनाथ सिंह, देवेन्द्र सिंह, शेषनाथ मिश्र, दिनेश सिंह, ज्ञानधर राय, मुन्नू यादव, रामचंदर राय शर्मा आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष पतिराम यादव व संचालन महामंत्री-संयोजक तथा शिक्षक नेता शैलेश राय ने किया।