सूफी संतों की मजार पर जायरीनों चढ़ाई चादर
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : पौहारी की सरैया स्थित हिन्दू- मुस्लिम एकता के प्रतीक सूफी संत सैयद मुहम्मद तकी ज
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : पौहारी की सरैया स्थित हिन्दू- मुस्लिम एकता के प्रतीक सूफी संत सैयद मुहम्मद तकी जिलानी व सैयद मुहम्मद कासिम जिलानी की मजार पर शुक्रवार से दो दिवसीय उर्स की शुरुआत हुई। इस दौरान जिले से सहित विभिन्न प्रांतों से आए जायरीनों ने सूफी संतों की मजार पर चार चढ़ाई और मन्नत मांगी। जायरीनों के आ जाने से सरैया का पूरा क्षेत्र खुशगवार हो उठा है। उर्स स्थल के बाहर अनेक दुकानें सजाई गई हैं। जायरीनों के साथ आए बच्चों ने मेले में खिलौनों एवं किताबों की खरीदारी की। प्रसाद केरूप में बने हलवा व पराठे का लुत्फ भी लिया। उर्स के पहले दिन सुबह कुरानख्वानी व फातेहा पढ़े जाने के बाद चादरपोशी की गई एवं मुल्क की अमन व शाति के लिए दुआ मांगी गई। मान्यता है कि इन सूफी संतों की मजार पर आने वाले लोगों को सभी प्रकार की प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। उर्स में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों की भीड़ उमड़ती है। सूफी संतों के मजार के गद्दीनसीन मौलाना सैयद शाह हामिद हसन अल जिलानी व सैयद अशरफ जिलानी ने बताया किउर्स में आने वाले जायरीनों को शुद्ध पानी व भोजन का जिम्मा उर्स कमेटी के सैयद अहमद हसन व सैयद उदूल हसन को सौंपी गई है। ठहरने की व्यवस्था दारूल उलूम में कराई गई है। वहा के प्रिंसिपल मौलाना अब्दुल मोबीन ने बताया उर्स के दूसरे दिन विद्यालय से उत्तीर्ण आलिम, हाफिज, केरात के छात्रों को दस्तार(सनद) देकर व सरोपा (पगड़ी ) बाधकर सम्मानित किया जाएगा।