ईश्वर की शरण से प्राप्त होगा शाश्वत स्थान
आजमगढ़ : ईश्वर हृदय देश में है। उसकी शरण में जा, शाश्वत स्थान प्राप्त करेगा। यह बातें शनिवार को श्री
आजमगढ़ : ईश्वर हृदय देश में है। उसकी शरण में जा, शाश्वत स्थान प्राप्त करेगा। यह बातें शनिवार को श्री परमहंस आश्रम शक्तेषगढ़ के स्वामी अड़गड़ानंद महराज ने रोडवेज बाईपास स्थित पेट्रोल पंप के समीप श्रद्धालुओं ने बीच प्रवचन में कही। उन्होंने गीता में लिखे गए उपदेश का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं अर्जुन तूं मेरे मन में अनन्य मनवाला हो, मेरे अनन्य भक्त हो, मेरे प्रति श्रद्धा से पूर्ण हो, मेरे को नमन करो, मेरे द्वारा निर्दिष्ट कर्म को कर। ऐसा करने से तूं मेरे को ही प्राप्त होगा। स्वामी जी ने कहा कि इच्छाएं अनंत होती हैं लेकिन उसका भी कुछ आधार भी होना चाहिए और यह भगवान की कृपा से मिलती है। भगवान का दर्शन कराने वाला और उसके बारे में सही जानकारी केवल सद्गुरु ही दे सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान और माया के बीच एक ही व्यक्ति है। जब तक मनुष्य को अपने संस्कार का बोध नहीं होगा उस पर भगवत कृपा नहीं होगी। इसमें भी सद्गुरु का ही विशेष महत्व होता है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण रामायण में आरंभ से लेकर अंत तक एक ही बात को बार-बार पुष्ट किया गया है कि भजन हम किसका करें। वनवास काल का प्रसंग है कि भगवान राम श्रृंगेश्वरपुर में शयन कर रहे थे। कुश और किसलय की कोमल साथरी पर उन्हें सोया देख निषादराज गुह को महान कष्ट हुआ। उन्होंने बगल में बैठे लक्ष्मण से कहा कैकेयी बड़ी कुटिल थी, जिसने रघुनंदन राम और जानकी को सुख के अवसर पर दुख दे डाला। लक्ष्मण ने कहा यह बात नहीं है परमार्थ है केवल एक है और परमपुरुष परमात्मा का चिंतन। इससे पहले पूर्व ब्लाक प्रमुख रमायन यादव व उनकी पत्नी निर्मला यादव ने स्वामी जी का आरती-वंदन किया। प्रवचन स्थल पर पहुंचते ही जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। इस मौके पर तीर्थराज यादव, भीखू यादव, आत्माजी सिंह, पूर्व प्रधान राजकरन यादव, दयानंद पांडेय, सुभाषचंद्र श्रीवास्तव, अशोक सिंह दाढ़ी, विनोद यादव आदि उपस्थित थे।