राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत थे पंडित रामचरित उपाध्याय
आजमगढ़ : महाकवि हरिऔध स्मृति केंद्र के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के ख्यातिलब्ध महा
आजमगढ़ : महाकवि हरिऔध स्मृति केंद्र के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के ख्यातिलब्ध महाकवि रामचरित उपाध्याय का जन्मदिन सोमवार की देर शाम राहुल नगर स्थित रवीन्द्र त्रिपाठी के आवास पर मनाया गया। इस अवसर पर श्री उपाध्याय के जीवन वृत्त, उनकी रचनाओं विशेष कर रामचरित चिंतामणि और रामचरित चंद्रिका और राष्ट्रभारती पर प्रकाश डाला गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एडीएम प्रशासन आशुतोष कुमार द्विवेदी ने संस्कृत साहित्य दर्पण और काव्य शास्त्र के मान्य सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि उपाध्याय जी का रामचरित चिंतामणि साहित्य शास्त्र के मान्य सिद्धांतों पर खरा उतरता है। आजमगढ़ जनपद की भूमि से उत्पन्न ऐसे महाकवि का स्मरण पुनीत कार्य है। जगदीश प्रसाद बर्नवाल कुंद ने कहा कि आजमगढ़ नगर से पांच किलोमीटर पश्चिम महराजपुर गांव के निवासी पंडित हरिपन्न उपाध्याय के पुत्र रामचरित उपाध्याय का प्रारंभिक जीवन गाजीपुर में बीता था। डा. कन्हैया सिंह ने कहा कि पंडित रामचरित उपाध्याय राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत थे। उन्होंने कभी भी ब्रिटिश शासन या सम्राट की प्रशंसा नहीं की। इस अवसर पर प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी, डा. जगदंबा दुबे, आनंद प्रकाश तिवारी, प्रभुनाथ यादव, यादवेंद्र तिवारी, अरुण कुमार दुबे, प्रभात कुमार बर्नवाल, शिवसहाय पांडेय, विजयधारी पांडेय, कृष्णमोहन उपाध्याय, निशीथ रंजन तिवारी, रामधीरज यादव आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरनाथ तिवारी तथा संचालन डा. श्रीनाथ सहाय ने किया।