Move to Jagran APP

राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत थे पंडित रामचरित उपाध्याय

आजमगढ़ : महाकवि हरिऔध स्मृति केंद्र के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के ख्यातिलब्ध महा

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 09:15 PM (IST)
राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत थे पंडित रामचरित उपाध्याय

आजमगढ़ : महाकवि हरिऔध स्मृति केंद्र के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के द्विवेदी युग के ख्यातिलब्ध महाकवि रामचरित उपाध्याय का जन्मदिन सोमवार की देर शाम राहुल नगर स्थित रवीन्द्र त्रिपाठी के आवास पर मनाया गया। इस अवसर पर श्री उपाध्याय के जीवन वृत्त, उनकी रचनाओं विशेष कर रामचरित चिंतामणि और रामचरित चंद्रिका और राष्ट्रभारती पर प्रकाश डाला गया।

loksabha election banner

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एडीएम प्रशासन आशुतोष कुमार द्विवेदी ने संस्कृत साहित्य दर्पण और काव्य शास्त्र के मान्य सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि उपाध्याय जी का रामचरित चिंतामणि साहित्य शास्त्र के मान्य सिद्धांतों पर खरा उतरता है। आजमगढ़ जनपद की भूमि से उत्पन्न ऐसे महाकवि का स्मरण पुनीत कार्य है। जगदीश प्रसाद बर्नवाल कुंद ने कहा कि आजमगढ़ नगर से पांच किलोमीटर पश्चिम महराजपुर गांव के निवासी पंडित हरिपन्न उपाध्याय के पुत्र रामचरित उपाध्याय का प्रारंभिक जीवन गाजीपुर में बीता था। डा. कन्हैया सिंह ने कहा कि पंडित रामचरित उपाध्याय राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत थे। उन्होंने कभी भी ब्रिटिश शासन या सम्राट की प्रशंसा नहीं की। इस अवसर पर प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी, डा. जगदंबा दुबे, आनंद प्रकाश तिवारी, प्रभुनाथ यादव, यादवेंद्र तिवारी, अरुण कुमार दुबे, प्रभात कुमार बर्नवाल, शिवसहाय पांडेय, विजयधारी पांडेय, कृष्णमोहन उपाध्याय, निशीथ रंजन तिवारी, रामधीरज यादव आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरनाथ तिवारी तथा संचालन डा. श्रीनाथ सहाय ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.