जलस्तर घटने के साथ बढ़ा कटान का खतरा
लाटघाट (आजमगढ़) : सगड़ी तहसील के देवारांचल में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर उफान के बाद मंगलवार से फिर कम होने लगा है लेकिन जलस्तर कम होने के साथ कटान का खतरा काफी बढ़ गया है। क्षेत्र के ग्रामसभा अचलनगर के देवारा अचल सिंह पुरवा के राजदेव, परशुराम, पुनवासी, विक्रम, शिवबचन की पांच-पांच बीघा भूमि घाघरा की धारा में विलीन हो गई। इसी तरह से देवारा रामसरन दुबे, देवारा गोपाल दुबे, देवारा गरीब दुबे, देवारा भिक्षुक दास में भी मंद गति से कटान जारी है।
ग्राम प्रधान सुभावती देवी के पति महेश यादव का कहना है कि हर पल की जानकारी तहसील प्रशासन को दी जा रही है लेकिन तहसील प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंच रहा है। हालत यह है कि अभी तक नुकसान का सर्वे भी शुरू नहीं हो सका है।
दूसरी ओर एक दर्जन गांवों के रास्ते अभी भी पानी में डूबे हैं। हजारों लोगों के सामने आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है। आम तौर पर जलस्तर कम होने के साथ कटान शुरू हो जाती है और बुधवार को भी कुछ ऐसा ही दिखा। नदी की बदलती चाल ने ग्रामीणों को बेहाल कर दिया है। चक्की हाजीपुर के अलावा डिघिया, अचलनगर और महुला सुरौली में कटान का खतरा बना हुआ है। जलस्तर कम होने के बाद भी एक दर्जन गांवों के रास्ते पानी में डूबे हैं। इन गांवों के लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। डिघिया नाले के पास नदी का दबाव महुला-गढ़वल बांध पर बढ़ने से बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी भी एलर्ट हो गए हैं। वहां बोल्डर डालने का काम तेज हो गया है। महुला सुरौली गांव में तीन लोगों के पक्के मकानों पर भी खतरा अभी भी मंडरा रहा है। नदी इन मकानों से मात्र दो सौ मीटर पर बह रही है।
बता दें कि घाघरा की प्रवृत्ति ही ऐसी है कि खतरा निशान से नीचे जलस्तर होने पर कटान शुरू हो जाती है। जलस्तर पर नजर डालें तो बुधवार को मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान 71.68 मीटर से नीचे 71.22 व डिघिया नाले के पास खतरा निशान 70.40 मीटर से नीचे 70.14 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया। इन स्थानों पर मंगलवार को क्रमश: 71.48 व 70.45 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया था।