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खाद की कालाबाजारी में फंसे दो कारोबारी

By Edited By: Published: Wed, 17 Sep 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 17 Sep 2014 01:00 AM (IST)
खाद की कालाबाजारी में फंसे दो कारोबारी

आजमगढ़ : खाद की कालाबाजारी का एक और मामला उजागर हुआ है। डीएम के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी ने दो कारोबारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। एक दुकान को सीज कर खाद के दो नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है।

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जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे ने बताया कि जिलाधिकारी रणवीर प्रसाद के निर्देश पर 14 और 15 सितंबर को अहरौला के मेहियापार बाजार स्थित राजीव जायसवाल और राजीव जायसवाल के उर्वरक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान राजीव जायसवाल को दूसरे जनपद से अनाधिकृत स्रोत से उर्वरक प्राप्त करने, सटाक व रेट बोर्ड डिस्प्ले न करने, किसानों को नकद और क्रेडिट मेमोरेंडम उपलब्ध न कराने, अघोषित उर्वरकों का भंडारण करने का दोषी पाया गया। इनके सभी स्टाक को सीज करने के बाद डीएम के निर्देश पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि राजीव जायसवाल अपने घोषित उर्वरक प्रतिष्ठान से अहरौला की दिशा में लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित मकान में गुप्त रूप से उर्वरकों का भंडारण करते हैं। वहां पहुंचने पर पाया गया कि मकान के सामने के चार कमरों में से तीन कमरों में ताले लगे हुए थे। अन्य एक कमरे में एवं मकान के मुख्य द्वार पर ताला लगा था। जिन तीन कमरों में ताले नहीं लगे थे। उसमें उर्वरक रखने के स्पष्ट निशान दिखे। बंद कमरों को भी खोलने को कहा गया कि लेकिन दुकानदार ने कहा कि यह मकान उनके भाई संजय जायसवाल का है और वे बाहर गए हैं। चाबी भी मेरे पास नहीं है। अवैध भंडारण की आशंका को देखते हुए बंद कमरों को सीज कर दिया गया। मंगलवार को पुलिस बल की उपस्थिति में संजय जायसवाल के सील तालों को खोला गया। मकान के अंदर दो कमरों में काफी मात्रा में उर्वरक पाई गई। एक कमरे में 190 बोरी सिंगल सुपर फास्फेट (खेतान ब्रांड), 45 किलो माइक्रोन्यूटिएंट (फसल वर्षा ब्रांड) एवं तीन कुंतल जिंक सल्फेट (इंडोगल्फ ब्रांड) पाई गई। दूसरे कमरे में 815 बोरी पीपीएल ब्रांड की डीएपी मिली। इसमें से सिंगल सुपर फास्फेट एवं डीएपी के एक-एक नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया। ऐसी परिस्थिति में उर्वरक निरीक्षक के साथ सहयोग न करने, उसे गुमराह करने एवं उर्वरकों की कालाबाजारी में लिप्त होने के कारण कारोबारी को खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

किसानों को बेची जाएगी सीज खाद

जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे ने बताया कि डीएम के निर्देश पर सीज किए गए उर्वरकों की बिक्री निर्धारित दर पर किसानों को देने की कार्रवाई शीघ्र की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी नजदीकी लाइसेंस धारक उर्वरक विक्रेता को सौंपी जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि लिए गए नमूने में यदि कोई कमी की रिपोर्ट मिलती है तो एक और रिपोर्ट संबंधित कारोबारी के खिलाफ दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि ऐसी दशा में संबंधित खाद की नीलामी कराई जाएगी।


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