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घाघरा की बढ़ती चाल ने बढ़ा दी धड़कन

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 10:39 PM (IST)
घाघरा की बढ़ती चाल ने बढ़ा दी धड़कन

लाटघाट (आजमगढ़) : सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवारांचल में बहने वाली घाघरा का जलस्तर मंगलवार को भी उफान पर रहा। सौ गांवों की आबादी प्रभावित हो गई है। गांवों का संपर्क टूट गया है। सरकारी नाव की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। पशुओं के सामने हरा चारा का संकट उत्पन्न हो गया है तो दूसरी ओर धान की फसल की बर्बादी भी तय हो गई है। क्षेत्र में 31 गैर आबाद गांवों समेत कुल 134 गांव हैं। सवा लाख की आबादी का जीवन यापन 23941 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की बदौलत होता है। गन्ने की फसल पर तो फिलहाल अभी खतरा नहीं दिख रहा है लेकिन धान की फसल की बर्बादी तय हो गई है।

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मंगलवार को नदी का जलस्तर दोनों मुख्य मापस्थल पर खतरा निशान पार कर गया। बदरहुआ के पास खतरा निशान 71.68 मीटर से पांच सेमी ऊपर 71.73 मीटर तथा डिघिया नाले के पास खतरा निशान 70.40 मीटर से 53 सेमी ऊपर 70.93 मीटर रिकार्ड किया गया। इन स्थानों पर सोमवार को नदी का जलस्तर क्रमश: 71.54 मीटर तथा डिघिया नाले के पास 70.74 मीटर रिकार्ड किया गया था। नदी महुला-गढ़वल बांध तक पहुंच गई है। बांध से गांवों का संपर्क टूट गया है। लोग निजी नावों का सहारा ले रहे हैं। अधिकारी अभी तक तमाशबीन बने हुए हैं। सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवारांचल में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जलस्तर बढ़ने के साथ ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ गई है। कारण कि लगभग सौ गांवों का आपस में संपर्क भंग हो चुका है।

नदी खतरा निशान से ऊपर बह रही है और उसी के साथ आवागमन और पशुओं के सामने चारे की समस्या आने लगी है। कारण कि घाघरा की उप शाखा में पानी बढ़ने से पशु इस पार से उस पार चरने के लिए नहीं जा पा रहे हैं। भूमि पर उगी घास भी पानी में डूब गई है। नदी की रफ्तार को देखते हुए हर कोई परेशान है। इससे पहले तो क्षेत्र के सुरौली व चक्की गांव के पास तक ही पानी बांध तक पहुंच गया है लेकिन अब हर तरफ बाढ़ का पानी बांध तक पहुंच गया है। चक्की गांव में कटान शुरू हो गई है जिससे लोग परेशान हैं। जलस्तर में वृद्धि के बाद सौ गांवों का संपर्क पूरी तरह से भंग हो गया है। लोग निजी नाव से आवागमन कर रहे हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण चक्की, शाहडीह, बांका, बूढ़नपट्टी, बगहवा, सोनौरा, झगरहवा, झंझनपुर, मुरारी का पूरा समेत कई गांवों का संपर्क आपस में टूट गया है।

कई गांवों का संपर्क टूटने के बाद भी अभी तक सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। लोग निजी नाव का सहारा ले रहे हैं, तो तमाम लोग अपने जर्जर नाव की मरम्मत करा रहे हैं। बता दें कि घाघरा नदी की मुख्य शाखा गोरखपुर और मऊ जिले की सीमा से सटी है। देवारा क्षेत्र में उसकी उप शाखा बहती है और मुख्य नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद उप शाखा में भी उफान शुरू हो जाती है। इस उफान के बाद कई गांवों का संपर्क भंग हो जाता है। दूसरी ओर अब तक हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है लेकिन प्रशासन की नजर में अभी तक बाढ़ नहीं दिख रहा है।


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