कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना
आजमगढ़ : एक ओर सपा प्रत्याशियों को जिताने का प्रयास तो दूसरी ओर पूर्वाचल में मोदी के रथ को रोकने की कोशिश। बात पूर्वाचल के विकास की और निशाना मोदी पर। जाहिर सी बात है कि सपा मुखिया ने कुछ ऐसी ही रणनीति के तहत आजमगढ़ से अपनी दावेदार प्रस्तुत की है। पूरे भाषण में मोदी पर ही ज्यादा हमला बोला। एक ओर भाजपा पूर्वाचल में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए काशी से मोदी को मैदान में उतारा तो दूसरी ओर सपा का गढ़ रहे पूर्वाचल में खुद की ताकत को पहले की तरह बरकरार रखना भी सपा के लिए चुनौती बन गई है। मुलायम सिंह भले पश्चिम के हैं लेकिन उन्हें पूर्वाचल में काफी सफलता मिलती रही है।
पूर्वाचल के गढ़ को मोदी से बचाने के लिए ही सपा मुखिया ने पहली बार आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का फैसला किया। नामांकन के बाद आइटीआइ परिसर में सभा के दौरान फिलहाल यही संकेत मिला कि वह अपने गढ़ को बचाने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वाचल में सफलता पूरे प्रदेश को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जोड़ती है। यहां से जो संदेश मिलता है उसका असर पूरे देश पर पड़ता है। नेताजी ने यहां तक कह दिया कि मन में नहीं था कि यहां से चुनाव लड़ें लेकिन सोचा कि प्रदेश की एकता के लिए यहां से चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि कुछ ताकतें हमें आपस में जुदा करना चाहती हैं। पूरा प्रदेश एक है और अगर हमने ऐसी ताकतों को आगे बढ़ने से रोक दिया तो फिर कोई संकट नहीं रहेगा।