हमें तो रेशमी नगरी के विकास की गारंटी चाहिए
अमिलो (आजमगढ़) : आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र का हिस्सा मुबारकपुर जिसकी पहचान है रेशमी नगरी के नाम से लेकिन विकास से है कोसों दूर। नहीं मिलती बिजली कि चल सकें करघे। यातायात का भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं। कभी आते थे बाहर के व्यापारी और अब यहां के लोग अपना माल लेकर जाते हैं काशी नगरी। विकास के नाम पर ऐसा कुछ नहीं कि उसका उल्लेख किया जा सके।
कभी यह क्षेत्र था लालगंज सुरक्षित क्षेत्र का हिस्सा और पिछले चुनाव में हो गया आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र का अंग लेकिन पांच सालों में कुछ खास नहीं दिखा। मुबारकपुर नगर निवासी तहजीब अनवर का कहना है कि जिले की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी आबादी वाला कस्बा और विश्व प्रसिद्ध रेशमी साड़ियों का उद्योग धंधा जहा पनपा, उस क्षेत्र में दूरसंचार और यातायात के क्षेत्र में विकास नहीं हुआ। स्थिति यह है कि मुबारकपुर मुख्यालय से दो किलोमीटर की दूरी पर दूरसंचार विभाग का इंटरनेट काम ही नहीं करता। हमारे क्षेत्र में जो विकास करेगा उसी के पक्ष में मतदान किया जाएगा।
सुरेश यादव निवासी ग्राम गूजरपार का कहना है कि मुबारकपुर नगर का इतना बड़ा महत्व दुनिया में है परंतु यहा यातायात की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। अगर लोगों को शाम को आजमगढ़ और जीयनपुर में सात बज जाए तो उस दिन अपने घर नहीं पहुंच सकते। पिछली बार जब राहुल गाधी ने मुबारकपुर का दौरा किया था तो उन्होंने 2013-14 के रेल बजट में आजमगढ़ से मुबारकपुर को रेल लाइन से जोड़ने का प्रस्ताव कराया था, परंतु उक्त योजना न जाने किस कोठरी में बंद है। साल भर बीत जाने के बाद भी उस पर न तो अभी तक सर्वे हुआ और न तो कोई प्रगति हुई। ऐसे में हम उसी के पक्ष में मतदान करेंगे जो मुबारकपुर को रेल लाइन से जोड़वाएगा। इसी प्रकार मुबारकपुर नगर निवासी अब्दुल कलाम का कहना है कि पूरे जनपद में शिक्षा का काफी विकास हुआ लेकिन मुबारकपुर में एक भी राजकीय स्कूल कालेज नहीं बन पाया। शिक्षा के क्षेत्र में विकास की गारंटी देने वाले को करेंगे मतदान।
इसी प्रकार नगर के मोहल्ला पूरासोफी निवासी आनंद चौरसिया का कहना है कि पूरे जनपद में तहसीलों का जाल बिछ गया परंतु मुबारकपुर जैसे महत्वपूर्ण नगर को तहसील का दर्जा नहीं दिया गया, जबकि उसके लिए यहा काफी उपयुक्त भूमि गजहड़ा गाव में लगभग 65 एकड़ के करीब उपलब्ध है। मुबारकपुर को यातायात, राजस्व, सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा आदि सभी क्षेत्रों से उपेक्षित रखा गया। उपरोक्त सुविधाएं मिली होती तो यह कस्बा और क्षेत्रवासी जिले में प्रगति के नाम पर प्रथम स्थान पर होते। उपरोक्त लोगों का यह भी कहना है कि जाति-धर्म से दूर रहकर हम ईमानदार और क्षेत्र को प्रगति की ओर ले जाने वाले प्रत्याशी को ही मतदान करेंगे।