रोडवेज बसों का संचालन न होने से परेशानी
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : बूढ़नपुर-शाहगंज मार्ग पर किसी रोडवेज की बस के न चलने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। तहसील मुख्यालय होने की वजह से अहरौला तक के लोगों का आना-जाना यहां लगा रहता है लेकिन देर शाम होने पर कोई साधन नहीं होता। सबसे बुरा हाल दिल्ली, मुंबई आदि जगहों पर जीविकोपार्जन के लिए गए लोगों को वापस आने पर होती है। देर रात उतरने के बाद टैंपो व जीप चालक उन पर डोरे डालना शुरू करते हैं। वे 10-5 किमी की दूरी का 400 से 500 रुपया भाड़ा तय करते हैं। मरता क्या न करता की तर्ज पर रात में सड़क किनारे बिताने से अच्छा कि कुछ पैसा देकर मंजिल पा लिया जाए। इतना ही नहीं टैंपो चालक औरतों से उनका बच्चा गठरी छीन अपने वाहन में रख देते हैं दूसरा औरत को ही खींचना शुरू करता है। यहां प्रतिदिन दुशासन-द्रोपदी का चीरहरण जैसा दृश्य रोज देखने को मिल रहा है। बूढ़नपुर रोडवेज का कार्यालय एक प्राइवेट मकान में चलता था। इसमें एक कर्मचारी रोज बैठता था। वह लोगों को बसों संबंधी जानकारी देता था। जब से रोडवेज अतरौलिया में बन गया है यहां के कर्मचारी को वहां कर दिया गया है। उसके बाद से अब बूढ़नपुर की सवारी जब रहती है तभी बस रुकती है नहीं तो फर्राटा भरते निकल जाती है। अखिलेश यादव ने बताया कि हम लोगों को काफी परेशानी होती है। यहां की सवारी होने के बाद ही बस रुकती है। धीरज सिंह ने कहा कि बूढ़नपुर से अहरौला जाने में देर हो जाने पर बूढ़नपुर के आसपास रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ती है। अतरैठ के प्रदीप सोनी ने कहा कि बूढ़नपुर से मखनहां, राजेसुल्तानपुर के लिए कोई बस नहीं है केवल डग्गामारी से ही काम चलाना पड़ता है। देर रात होने पर घर से यहां सगे संबंधी से गाड़ी मंगवानी पड़ती है। एआरएम संतोष श्रीवास्तव ने बताया की शाहगंज रोड पर बस चलवाने का जिम्मा एआरएम शाहगंज के जिम्मे है। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता।