डाकिए का पता नहीं कैसे पहुंचे पाती
अमिलो (आजमगढ़) : 'डाकिया आया डाकिया आया, चिट्ठी लाया, चिट्ठी लाया'। एक समय का था जब गांव और मोहल्लों में इस तरह की आवाज सुनाई देती थी लेकिन अब वह गुजरे जमाने की बात हो गई है। फिलहाल रेशमी नगरी मुबारकपुर और उसके आसपास के गांवों में कोई डाकिया ही नहीं पहुंच रहा है क्योंकि डाकखाना डाकिए की कमी से जूझ रहा है।
लगभग सवा लाख की आबादी वाला कस्बा मुबारकपुर व आस-पास के लगभग 30 गांवों की आबादी के लिए भेजी जाने वाली पत्रावलियों के पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
इस डाकघर को जनपद में तीसरा स्थान प्राप्त है। इस डाकघर ऊपर मुबारकपुर कस्बा सहित लगभग 30 गांवों के लोगों की पत्रावलियों को पहुंचाने की जिम्मेदारी है। इस डाकघर में प्रभारी उप डाकपाल गुलाब सिंह, लिपिक राजेश राम, चौकीदार गिरीश कन्नौजिया के अलावा एक डाकिया की भी नियुक्ति है जो आजकल अवकाश पर हैं। ऐसे में लोगों की चिट्ठी, मनीआर्डर, रजिस्ट्री, पासपोर्ट, वीजा आदि का समय से वितरण नहीं हो पा रहा है। उक्त डाकघर में पैरोकार तक की तैनाती नहीं है। इस डाकघर में तीन डाकिया, एक पैरोकार, एक लिपिक सहित स्थाई उप डाकपाल के पद रिक्त हैं।
डाकघर में लगाया गया कंप्यूटर भी खराब पड़ा है। इस संबंध में डाक अधीक्षक आइएम द्विवेदी ने बताया कि वहां पर एक डाकिया लालगंज से एक स्थानांतरण कर भेज दिया गया है, लेकिन डाकिया के वहां से नदारद होने के संबंध पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब किसी भी डाकिया का स्थानांतरण किया जाता है तो 10 दिन बाद ही वह जाकर ज्वाइन करता है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर