दिन भर असमंजस में रही पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी
जागरण संवाददाता, औरैया : जिला पंचायत अध्यक्ष का उपचुनाव राजनीति करने वाले लोगों के लिए भले ह
जागरण संवाददाता, औरैया : जिला पंचायत अध्यक्ष का उपचुनाव राजनीति करने वाले लोगों के लिए भले ही मनोरंजक रहा हो। लेकिन प्रशासन व पुलिस के लिए यह पहेली बनकर सामने आया। मंगलवार को हुए मतदान के दौरान दिन भर चली उहापोह शाम आते आते भी खत्म नहीं हुई। कभी जिला पंचायत सदस्यों के आने तो कभी न आने पर संशय बनी रही। दिन भर पुलिस की गाड़ियां इधर से उधर फर्राटा भरती देखी गईं। पुलिस कभी जिला पंचायत सदस्यों को गिरफ्तार करने को दौड़ती तो कभी गाड़ियों को रोककर जिला पंचायत सदस्यों की तलाशी लेती। हर किसी को ¨चता बस एक थी कि चुनाव किसी तरह निर्विघ्न निपट जाए। पुलिस ने किसी भी राजनीतिक दल के लोगों को दिन भर कहीं एकत्र नहीं होने दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव के लिए व्यापक पैमाने पर तैयारियां भी की गई थीं। दिबियापुर रोड को पूरी तरह से ब्लाक कर दिया गया था। एक दिन पहले जिस तरह तय हुआ था उसी तरह पुलिस की टुकड़ी जनपद के विभिन्न स्थानों पर रूट मार्च करती रहीं। जनपद की हर सीमा पर लगे बैरियर पर एक एक मजिस्ट्रेट तैनात किया गया था। उनके साथ बड़ी संख्या में पुलिस के जवान भी मौजूद थे। हर आने जाने वाले व्यक्ति और वाहन की तलाशी ली जा रही थी। जिला पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव के लिए कुल 23 सदस्यों को मतदान करना था। लेकिन दो सदस्य जेल में होने के चलते संख्या 21 रह गयी। सुबह मतदान शुरू होते ही 11 सदस्य दीपू ¨सह के साथ वोट डालने पहुंच गये। इसके बाद काफी देर तक कोई सदस्य नहीं पहुंचा। अब अफवाह और भ्रम पैदा करने वाली स्थिति उत्पन्न होने लगी। कभी पुलिस जिला पंचायत सदस्यों के आने पर दिबियापुर की ओर दौड़ लगाती तो कभी औरैया की ओर। दोपहर एक बजे करीब जिला पंचायत सदस्य राजवीर ¨सह यादव और सपा समर्थित प्रत्याशी सुधीर यादव उर्फ कल्लू ककोर बंबा पर पहुंचे तो कुछ पुलिस कर्मी वहां खड़े थे। लेकिन सीओ द्वारा गिरफ्तार करने से मना किये जाने के बाद उन्हें मतदान करने जाने दिया गया। इसके बाद अफवाह उड़ती रही की जिला जेल इटावा में बंद दो जिला पंचायत सदस्य भी वोट डालने आ रहे हैं। लेकिन तीन बजे के बाद एएसपी राजेश सक्सेना कलेक्ट्रेट से बाहर निकले और उन्होंने बताया कि कि ऐसा कोई आदेश नहीं आया है और अब काउं¨टग की तैयारी की जा रही है।