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कई संपर्क मार्ग नहीं हुए गड्ढा मुक्त

जागरण संवाददाता, औरैया : जनपद की 298 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jun 2017 01:00 AM (IST)
कई संपर्क मार्ग नहीं हुए गड्ढा मुक्त
कई संपर्क मार्ग नहीं हुए गड्ढा मुक्त

जागरण संवाददाता, औरैया : जनपद की 298 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इनकी दूरी 1128 किमी थी। शासन ने इन सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 1106 किलोमीटर काम कराने की मंजूरी दे दी थी। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सभी सड़कें गड्ढा मुक्त कर दी गई हैं। लेकिन हकीकत कुछ दूसरी ही है। अभी कई ऐसे संपर्क मार्ग हैं। जिनके बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं।

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अजीतमल क्षेत्र के ग्राम मोहारी से तुमरिहा, फूलपुर, ज्ञानपुर, भूरेपुर होते हुए बड़ैरा को जोड़ने वाली इस सड़क को करीब एक दशक पूर्व डामरीकृत किया गया था। बीते कई वर्षों से यह सड़क उखड़ी पड़ी है। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि लगता ही नहीं कि अभी इस पर डामर डाला गया था। गड्ढों की वजह से लोगों का इस पर चलना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों का कहना कि इससे तो अच्छी पहले कच्ची सड़क थी। अब तो पता ही नहीं चलता कि सड़क पर गड्ढे हो गए हैं या गड्ढों में सड़क है। बिधूना तहसील क्षेत्र की सड़कों की भी हालत ठीक नहीं है। इसमें रामगढ़ से अघारा होते हुए चौथा मील तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। पाता से रामगढ़ तक करीब आठ किलोमीटर लंबी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे तो भर दिए गए हैं। लेकिन कई जगह सड़क कटी होने से लोगों को अभी भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। रुरूगंज से गांव देवरांव तक करीब पांच किलोमीटर सड़क के भी अभी गड्ढे भरने बाकी हैं। बेला-मल्हौसी का लगभग 2 किमी लंबा संपर्क मार्ग खस्ताहाल है। उसे सही कराने को ग्रामीणों ने कई बार मांग की। लेकिन उसके गड्ढे भी तक नहीं भर सके हैं। इसके अलावा भी कई मार्ग ऐसे हैं जिनके गड्ढे भरने की विभाग को याद नहीं आई।

गड्ढे में भी हो रहा खेल

अजीतमल में हाईवे से कोतवाली तक आने वाली करीब सात सौ मीटर लंबी सड़क वर्षों से खस्ताहाल पड़ी थी। उसके गड्ढे भरने का काम चार दिन पूर्व कराया गया था। इस छोटी सड़क के काम पर भी आसपास के लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि कार्यदायी संस्था ने गड्ढे भरने के नाम पर लीपापोती की है। बड़े-बड़े गड्ढे तो भर दिए गए। लेकिन छोटे गड्ढे और कटी हुई सड़क ठीक नहीं हुई है। दिबियापुर में कलेक्टरी रोड को भी गड्ढा मुक्त कराया गया है। लेकिन उस काम पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि गड्ढे भरने के नाम पर खेल किया गया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुनील कांत ने बताया कि जितनी सड़कों के गड्ढे भरने की मंजूरी मिली थी। उन सभी सड़कों के गड्ढे भर दिए गए हैं। जो सड़कें बची होंगी। बजट मिलने पर उन्हें भी गड्ढा मुक्त करा दिया जाएगा।


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