बदहाल टंकियों से पानी का इंतजार
जागरण संवाददाता, औरैया : लाखी, याकूबपुर, जौहर, बेला, ढिपारा, औरौं व नौसारा इन गांवों में कई वर्ष
जागरण संवाददाता, औरैया :
लाखी, याकूबपुर, जौहर, बेला, ढिपारा, औरौं व नौसारा इन गांवों में कई वर्ष पहले पाइप पेयजल योजना के तहत पानी की टंकियां बनाई गई थीं। लेकिन यह भी टंकी लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं। जबकि जलनिगम के कागजों में यह सब दुरुस्त हैं और लोगों पानी भी मिल रहा है। कुछ टंकियों को छोड़ दिया जाए तो कमोवेश यही स्थित सभी की है। ऐसे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।
गर्मी शुरू होने से पहले ही डीएम के बालाजी ने जल निगम व विकास विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर गांव व शहरी क्षेत्र में बनी पानी की टंकियों व नलकूप को दुरुस्त करने के आदेश दिए थे। दो माह बीत गए हैं। लेकिन जल निगम सभी टंकियों को चालू नहीं करा सका है। बानगी के तौर पर बेला स्थित पानी की टंकी को ले लिया जाए। तो यह टंकी करीब एक दशक पहले स्थापित हुई थी। तब से वह बंद पड़ी थी। डीएम के आदेश के बाद जल निगम की टीम वहां पहुंची थी। उसने किसी तरह वहां लगे नलकूप को चालू करा दिया था। इससे टंकी आसपास के करीब पांच मीटर के दायरे में पानी जाने लगा। इसके आगे गांव में पानी अभी तक नहीं पहुंच सका है। लेकिन जल निगम के अधिशासी अभियंता का कहना है कि टंकी चालू है और लोगों को पानी भी मिल रहा है। कहते हैं वहां पाइप लाइन की समस्या है। उसे ठीक किया जा रहा है। बाल्व नहीं लगा था, उसे लगाया जा रहा है। यही हाल भाग्यनगर ब्लाक के गांव उमरी का है। वहां पानी की टंकी चालू है। लेकिन गांव में पड़ी पाइप लाइन तो टंकी के चालू होते ही जगह-जगह फट गई थी। इससे गांव में सभी को उससे पानी नहीं मिल पाता है। अजीतमल के ग्राम पंचायत बिरहूनी में बनी पानी की टंकी ठीक है। उससे बिरहूनी के लोगों को पानी भी मिल रहा है। लेकिन ग्राम पंचायत बिरहूनी के मजरा उदैता में पाइप लाइन की समस्या की वजह से पानी नहीं पहुंच पा रहा है। रुरूखुर्द में भी पानी की टंकी की हालत ठीक नहीं है। सतेहड़ी गांव की भी पानी की टंकी बंद पड़ी है। इससे लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। लेकिन अधिकारी कागजों में इन्हें ठीक बताकर पेयजल व्यवस्था दुरुस्त होने का ही दावा कर रहे हैं।
शहर की परियोजना भी
नहीं हो सकी चालू
औरैया : शहर में पिछले तीन साल से पेयजल परियोजना निर्माणाधीन है। आधे से अधिक परियोजना का कार्य करीब एक वर्ष पूर्व पूरा कर लिया गया था। बजट के अभाव में काम बंद कर दिया गया था। करीब चार माह पहले धन उपलब्ध करा दिया गया था। इसके बाद जिलाधिकारी ने मई के प्रथम सप्ताह में यह परियोजना चालू करने के निर्देश जल निगम के अधिकारियों को दिए थे। इसके बाद तेजी से काम शुरू हुआ था। लेकिन मई दूसरा सप्ताह बीत जाने के बाद भी यह परियोजना अभी यह पूरी तरह से चालू नहीं हो सकी है। इस परियोजना में 17 नलकूप व छह पानी की टंकी तैयार खड़ी हैं। लेकिन कुछ समस्याओं के चलते यह चालू नहीं हो पा रही हैं। इससे शहर के लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। जल निगम के एई अनुराग गौतम ने बताया कि लगभग काम पूरा हो चुका है। जून के अंत तक परियोजना नगर पालिका को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
जल निगम के अधिशासी अभियंता देवेंद्र कुमार ने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय पाइप पेयजल योजना के तहत 38 पानी की टंकी जनपद में हैं। इसमें से 35 टंकियां लोगों को पानी दे रही हैं। तीन टंकियां बंद हैं। उन्हें भी जल्द ठीक करा दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई पानी की टंकी बंद है तो उसे ठीक कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। क्यों की वह टंकियां ग्राम पंचायत को हस्तांतरित की जा चुकी हैं।