छुट्टा जानवरों से नहीं मिल रहा छुटकारा
जागरण संवाददाता, औरैया : शहर हो या गांव छुट्टा जानवरों के आतंक से लोग परेशान हैं। शहर में बीच सड़क पर
जागरण संवाददाता, औरैया : शहर हो या गांव छुट्टा जानवरों के आतंक से लोग परेशान हैं। शहर में बीच सड़क पर दिन भर छुट्टा जानवर घूमते रहते हैं। इससे यातायात प्रभावित होने के साथ दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। ठेली व फड़ लगाने वाले दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके बाद भी छुट्टा जनवरों के खिलाफ अभियान नहीं चलाया जा रहा है। जबकि नगर पालिका का काजी हाउस खाली पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्र में किसान छुट्टा जानवरों से परेशान हैं। उन्हें उनसे फसल बचाने को कटीले तार लगवाने पड़ रहे हैं।
शहर के जेसीज चौराहे पर फल व सब्जी आदि की दुकानें लगती हैं। यह शहर का सबसे व्यस्त चौराहा है। इसी चौराहे पर छुट्टा जानवर दिन भी अड्डा जमाए रहते हैं। वह कभी किसी फल की ठेली में मुंह मारते हैं तो कभी किसी सब्जी वाले के फड़ में मुंह मार कर नुकसान कर देते हैं। कभी-कभी तो ठेली पलट भी देते हैं। इसके अलावा वहां ट्रैफिक भी प्रभावित होता है। रात के समय से यह पूरे रोड पर कब्जा करके बैठ जाते हैं। इससे रात के समय यहां अक्सर दुपहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। यही हाल शहर के सुभाष चौक से संजय गेट तक रहता है। यहां भी फल की दुकानें लगती हैं। इससे सारे दिन छुट्टा जानवर यहां घूमते रहते हैं। यहां सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ भी रहती है। पास में ही दो इंटर कालेज होने से हमेशा बच्चों के साथ दुर्घटना होने का डर बना रहता है। यहां भी फल के दुकानदार इन जानवरों के आतंक से दुखी हैं। पास में ही नगर पालिका है। इसके बाद भी नगर पालिका के अधिकारियों की नजर इन छुट्टा जानवरों पर नहीं पहुंच रही है। इसके बाद दिबियापुर बाइपास रोड पर भी छुट्टा जानवरों का अतंक रहता है। यहां तो यह सड़क के किनारे के खेतों में फसलों को तबाह करते रहते हैं। इससे किसानों को दिन रात फसल की रखवाली करनी पड़ती है। इसके भी मौका लगते ही वह फसल को चट कर जाते हैं। इससे किसान भी दुखी हैं। फफूंद चौराहे पर भी लोग छुट्टा जानवरों से परेशान हैं।
दयालपुर में बना काजी हाउस पड़ा खाली
नगर पालिका का काजी हाउस दयालपुर में बना है। लेकिन वह खाली पड़ा है। वहां एक दो गाय ही जब कभी नजर आती है। उनके भी खाने पीने की वहां सही व्यवस्था नहीं रहती है। जबकि शहर के छुट्टा जानवरों को पकड़कर वहां रखा जा सकता है। लेकिन नगर पालिका ऐसा नहीं कर पा रही है।
डेढ़ साल पहले चला था अभियान
नगर पालिका परिषद ने करीब डेढ़ वर्ष पहले छुट्टा जानवर पकड़ने का अभियान चलाया था। इस दौरान कुछ जानवर पकड़े गए थे। लेकिन यह अभियान कुछ दिन ही चल सका था। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया और दोबारा अभी तक अभियान नहीं चलाया जा सका। इससे लोग निरंकुश हो गए। दूध निकालने के बाद लोग अपने जानवरों को छुट्टा छोड़ देते हैं।
मंडी में आढ़ती व किसान परेशान
शहर की अनाज मंडी में छुट्टा जानवरों का आतंक है। विधानसभा चुनाव के समय मतगणना आदि कार्य होने की वजह से मंडी से इन जानवरों को यहां से खदेड़ दिया गया था। लेकिन इसके बाद फिर वहां छुट्टा जानवरों ने अड्डा जमा लिया है। इससे वह अनाज के ढेरों व बोरों में मुंह मार कर नुकसान करते रहते हैं। किसान व आढ़ती इन जानवरों से निजात दिलाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जल्द चलाया जाएगा अभियान
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी महेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि छुट्टा जानवरों के संदर्भ में कई शिकायतें मिली हैं। इसके चलते ही इन्हें पकड़ने को जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।