52 लाख की खोदाई, हालात में जस के तस
जागरण संवाददाता, औरैया : जनपद में पिछले वर्ष 83 तालाबों की कायाकल्प कराई गई थी। इस कार्य में मनरेगा
जागरण संवाददाता, औरैया : जनपद में पिछले वर्ष 83 तालाबों की कायाकल्प कराई गई थी। इस कार्य में मनरेगा मजदूरों को लगाया गया था। इससे मनरेगा श्रमिकों ने 52 लाख रुपये कमाए थे। लेकिन अब तालाबों की स्थिति फिर दयनीय हो गई है। इससे तालाबों की हालत फिर सुधारने की जरूरत है। लेकिन खराब हालत के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ स्थानीय लोग भी जिम्मेदार हैं। स्थानीय लोग ही तालाब के किनारे गंदगी फैलाते हैं।
पिछले वर्ष मनरेगा मजदूरों को लगाकर जनपद में 83 तालाबों की साफ-सफाई कराई गई थी। लेकिन इनका रखरखाव न होने से वह फिर से पुरानी स्थिति में पहुंच गए हैं। अधिकांश तालाब सूखे पड़े हैं। कुछ पर अतिक्रमण हो गया है, तो कुछ गांव के लोगों के लिए कूड़ा डालने के अड्डा बनकर रह गए हैं। इससे इनकी हालत खराब होती जा रही है। जबकि बीते वित्तीय वर्ष में इन तालाबों के सौंदर्यीकरण कार्य से जनपद के मनरेगा मजदूरों ने 52.20 लाख रुपये की कमाई की थी। बाबरपुर-अजीतमल क्षेत्र का मघई तालाब, सुरान का तालाब, फूलपुर आदि तालाबों की हालत इस समय पहले से भी बदतर हो चुकी है। प्रशासनिक अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस वर्ष जल्द ही खस्ताहाल तालाबों का चयन कर उनकी हालत सुधारी जाएगी।
वीडीओ की लापरवाही पड़ी भारी
ग्राम पंचायत अधिकारियों की लापरवाही से सौंदर्यीकरण के बाद भी तालाबों की स्थिति खराब हो गई है। मनरेगा द्वारा तालाबों के सौंदर्यीकरण के बाद इनकी देखभाल की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान की होती है। लेकिन इनकी देखभाल व रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते ही तालाबों की हालत बिगड़ गई।
मनरेगा मजदूरों के काम
और कमाई का विवरण
साफ कराए गए तालाब 83
रोजगार पाने वाले परिवार 1000
श्रजित मानव दिवस 30,000
इतनी हुई कमाई 52.20 लाख
क्या कहते हैं जिम्मेदार
प्रभारी डीसी मनरेगा जीपी गौतम ने बताया कि 83 तालाब पिछले वर्ष साफ कराए गए थे। इसके अलावा जहां जहां शिकायत मिली वहां के तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया गया। इससे एक हजार जाब कार्ड धारक परिवारों को रोजगार मिला। इस वर्ष भी मनरेगा से तालाब साफ कराए जाएंगे। उनके सौंदर्यीकरण के बाद ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी होती है कि उनका रखरखाव करें।