हाड़तोड़ मेहनत कर हासिल किया व्यापार में मुकाम
संवाद सूत्र, बेला : अब नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वह जो करने की ठान लेती है, तो विपरीत प
संवाद सूत्र, बेला : अब नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वह जो करने की ठान लेती है, तो विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ती रहती है। ऐसा ही बेला कस्बा में एक महिला ने किया। वह अपने पति की शराब पीने की आदत से परेशान थी। परिजनों ने उन्हें अलग कर दिया था। उनके भरण पोषण का संकट था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और घर में ही पान मसाला आदि एक दुकान रख ली। उनकी निष्ठा और लगन से दुकान खूब चली। आज वह कस्बा के नामी व्यापारियों में शामिल हैं। उनके कारोबार को अब उनके बेटे संभाल रहे हैं। हम बात कर रहे है बेला की प्रमुख व्यवसायी क्षमा सविता की।
कानपुर के मोहल्ला दबौली की रहने वाली क्षमा की शादी उनके पिता ने कस्बा बेला के दयाराम सविता के बड़े बेटे रामआसरे सविता के साथ सन 1978 में की थी। ससुराल में कुछ दिन रहने के बाद उन्हें पता चला कि उनके पति को शराब पीने की आदत है। इससे वह काफी ¨चतित हुईं। लेकिन उन्होंने हिम्मत से परिस्थितियों का मुकाबला किया। उनके ससुरालिजनों ने उनका साथ नहीं दिया। कुछ समय बाद उन्हें बंटवारा कर अलग कर दिया गया। इससे उनके भरण पोषण की समस्या आ गई। रामआसरे एक सैलून की दुकान पर काम करने लगे। लेकिन उनकी शराब पीने की आदत की वजह से परिवार के लिए कुछ नहीं बच पाता था। इससे क्षमा काफी परेशान थीं। इसी दौरान उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया। अब परिवार के खर्चे और बढ़ गए थे। उन्होंने किसी तरह एक हजार रुपये का इंतजाम कर घर में ही पान मसाला आदि की दुकान रख ली। लेकिन उस छोटी सी दुकान के लिए उनकी निष्ठा और मेहनत में कोई कमी नहीं होती थी। इसके चलते ही उनकी दुकान चल पड़ी तो फिर उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। बच्चे बड़े हुए तो उनकी शिक्षा दीक्षा भी हुई। बड़ा बेटा अमित तो दस वर्ष की उम्र से ही दुकान में अपनी मां का हाथ बंटाने लगा था। धीरे-धीरे पति की गलत आदत में भी सुधार हो गया। अब वह खुद व उनके दोनों जवान बेटे अमित व आशुतोष व्यापार को संभाल रहे हैं। क्षमा ने अपनी दो बेटियों की शादी भी खूब धूमधाम से कर दी। अब उनकी गिनती क्षेत्र के नामी थोक व्यापारियों में होने लगी है।