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तिहरे हत्याकांड में पहली पत्नी का बेटा गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, औरैया : दिबियापुर में रविवार रात हुए तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने पहली पत्नी के

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 01:01 AM (IST)
तिहरे हत्याकांड में पहली 
पत्नी का बेटा गिरफ्तार
तिहरे हत्याकांड में पहली पत्नी का बेटा गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, औरैया :

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दिबियापुर में रविवार रात हुए तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने पहली पत्नी के बेटे को दबोच लिया है। पुलिस ने उससे हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू व खून से सनी टीशर्ट को बरामद किया है। उसने अपनी सौतेली मां के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। लेकिन जब सौतेली मां ने ही शोर मचाना शुरू कर दिया तो उसने उसकी व उसकी बेटी की भी हत्या कर दी। हत्या के पीछे नौकरी और फंड के मिलने वाले रुपये का लालच बताया गया है।

फिरोजाबाद थाना रामगढ़ के मोहल्ला कश्मीरीगेट निवासी नौशाद उर्फ नौशे अपनी तीसरी पत्नी आस्मीन व दो वर्षीय बेटी शब्बो के साथ दिबियापुर के मोहल्ला आजानगर में पिछले एक माह से किराए पर रहे थे। नौशाद रेलवे में कर्मचारी थे। मई में उनका रिटायरमेंट था। नौशाद ने तीन शादियां की थी। पहली पत्नी जरीना उर्फ जन्नों अपने बेटों के साथ कश्मीरी गेट में अलग रहती है। दूसरी पत्नी कन्नौज की थी वह नौशाद को छोड़कर चली गई थी। नौशाद ने तीसरी शादी बिहार जहानाबाद के चिकसौरा निवासी आस्मीन के साथ हुई थी। पहली पत्नी के बेटे मोहम्मद अली का नौशाद के घर दिबियापुर आना जाना था। एक माह पूर्व जब नौशाद आजाद नगर वाले मकान में शिफ्ट हुआ था। तब भी अली आया था। तभी आस्मीन व अली ने हत्या की साजिश रची। इसमें आस्मीन ने कहा कि वह फंड से मिलने वाले धन में उसे दस लाख रुपये दे देगी और मृतक आश्रित में मिलने वाली नौकरी वह खुद करेगी। इस पर अली तैयार हो गया। घटना की तारीख भी तय हो गई। उसी आधार पर 19 मार्च की रात अली गोमती एक्सप्रेस ट्रेन से दिबियापुर पहुंच गया। रात 8.30 बजे वह घर पहुंच गया। देर रात अली व आस्मीन ने मिलकर चाकू से वार कर नौशाद की हत्या कर दी। इसके बाद आस्मीन ने अली को फंसाने के लिए शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर उसने आस्मीन पर भी चाकू से वार किया। उसने शब्बो को आगे कर दिया। चाकू लगने से शब्बो की मौत हो गई। आस्मीन से संघर्ष में अली के चोटें भी आईं। लेकिन अली ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया और तीनों को एक ही चारपाई पर डालकर केरोसिन छिड़क आग के हवाले कर दिया। इसके बाद वह वहां से भाग कर ट्रेन से वापस फिरोजाबाद पहुंच गया। वहां जिस चूड़ी फैक्ट्री में वह काम करता था, उसमें अपनी हाजिरी भी लगवा दी।


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