खटारा बसों के हवाले नौनिहालों की जिंदगी
जागरण संवाददाता, औरैया : सर्दी में सड़कों पर सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है। ऐसे में बच्चों को स्
जागरण संवाददाता, औरैया : सर्दी में सड़कों पर सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है। ऐसे में बच्चों को स्कूल ले जाने वाली बसों को विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत होती है। लेकिन जनपद में बच्चों को स्कूल ले जाने वाली बसें खटारा हालत में हैं। अधूरे मानकों वाली बसें आपके नौनिहालों को स्कूल ले जा रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी भी स्कूलों के खुलने के समय इन बसों की चे¨कग कर अपनी खाना पूरी कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते हैं। लेकिन इसके बाद बस चालक उन्हीं खटारा बसों से नौनिहालों को लाने ले जाने का कार्य करते हैं। ठंड के समय में यह बसें बच्चों के लिए खासी घातक हो सकती हैं। पुलिस प्रशासन कार्रवाई को लेकर आंखें मूंदे हुए है। गुरुवार को एटा में हुए हादसे की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रशासन को सतर्कता के साथ बस चालकों से नियमों का पालन कराने के लिए जुटना पड़ेगा।
हाईवे पर गलत साइड चलती बसें
हाईवे किनारे जिन बच्चों को छोड़ने के लिए बसें जाती हैं। वह एक दो किलोमीटर की दूरी गलत साइड पर ही चलती रहती हैं। लंबा चक्कर न काटना पड़े इस कारण वह कई किमी पहले वाले कट से ही बसों को मोड़ लेते हैं और फिर गांव तक उल्टी साइड पर चलते चले जाते हैं। ऐसे में कोहरे के समय हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को बस चालकों को चेताना चाहिये कि सही रास्ते का ही इस्तेमाल करें।
कड़ाई से कराया जायेगा नियमों का पालन
एआरटीओ मनोज कुमार ¨सह ने बताया कि जनपद के ज्यादातर स्कूलों ने अपनी बसें लगा रखी है। इनमें नियमों का पालन का ध्यान रखा जा रहा है। वहीं जिन स्कूलों में ट्रेवलर्स की बसें लगी हैं उन बसों को भी मानकों का पालन करने के लिए चेताया गया था। जल्द ही अभियान चलाकर ऐसी बसों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
यह हैं स्कूल बसों के नियम
1- स्कूल बस पीले कलर की होनी चाहिये।
2- बस के दोनों ओर स्कूल बस लिखा होना चाहिये।
3- बस के पीछे स्कूल ड्यूटी लिखा होना आवश्यक है।
4- स्कूल बस में दो ड्राइवर व एक परिचालक होना चाहिये।
5- बस में अग्निशमक यंत्र होना चाहिये।