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फिटनेस की जांच में दलाली का खेल

औरैया, जागरण संवाददाता : जिले की सड़कों पर फर्राटा भर रहे हजारों वाहनों में से कौन चलने के लिए फिट है

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 01:01 AM (IST)
फिटनेस की जांच में दलाली का खेल

औरैया, जागरण संवाददाता : जिले की सड़कों पर फर्राटा भर रहे हजारों वाहनों में से कौन चलने के लिए फिट है अथवा कौन परिवहन विभाग के मानकों पर खरा उतरता है, कहा नहीं जा सकता। यह भी मुमकिन है कि वाहन चालक के पास पर्याप्त कागजात हों, लेकिन वाहन चलने लायक ही न हो। इसकी वजह यह है कि परिवहन विभाग बिना पूरी तरह जांच किए दलालों के जाल में फंस कर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर देता है। इस एवज में दलाल मोटी रकम वसूलते हैं। वाहन चालकों को फायदा यह होता है कि बिना वाहन लाए ही उन्हें प्रमाणपत्र हासिल हो जाता है।

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जिले में एक लाख से अधिक वाहन सड़कों पर हैं। कानूनन हर तीन साल में माल वाहक वाहनों का फिटनेस जारी होना जरूरी है, पर हकीकत यह है कि तय समय सीमा तो दूर वर्षों तक वाहनों की फिटनेस जांच ही नहीं होती है। बीते साल के आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 407 हादसों में 208 लोगों की मौत हुई। जबकि साढ़े तीन सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इनमें से ज्यादातर हादसों की वजह यह भी हो सकती है कि फिटनेस के स्तर पर वह कमजोर रहे हो। सवारी वाहन में फॉग लाइट न होना कोहरे के दिनों में परिवहन के लिए सर्वाधिक खतरनाक है। हेड लाइट का ऊपरी आधा हिस्सा कानूनन काला होना चाहिए, लेकिन इस ओर भी परिवहन विभाग का ध्यान नहीं है। यातायात विभाग का प्रभार देख रहे दरोगा गजेंद्र ¨सह का कहना है कि यातायात माह में 250 ट्रैक्टर पर रिफलेक्टर लगाए गए हैं, लेकिन यह संख्या जिले में सड़कों पर दौड़ रहे 13 हजार ट्रैक्टर के सापेक्ष खासी कम है। परिवहन विभाग का नजारा देखें तो दफ्तर के ठीक सामने विभागीय कार्य कराने वालों का जमावड़ा नजर आता है। पंजीकरण फिटनेस आदि का काम लेकर आने वाले वाहन चालकों को यह दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं। तय फीस के अलावा पांच से सात सौ रुपये तक वसूल कर वाहन चालक को आनन-फानन उसके मन मुताबिक कागजात हासिल करा दिए जाते हैं। एआरटीओ कार्यालय परिसर में परिचालन परिपथ नहीं बन पाया है। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिले में चार सैकड़ा वाहन ऐसे हैं जिनकी फिटनेस तिथि निकल चुकी है, लेकिन इन्होंने अभी तक जांच नहीं कराई है। यही वाहन सड़क यातायात के लिए अक्सर खतरा बन जाते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मनोज ¨सह का कहना है कि विभाग की यातायात पर पूरी नजर है। 15 चालकों के लाइसेंस हाल ही में महज इसलिए निरस्त किए गए कि वह मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चला रहे थे। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनके वाहन पर सवारियां पीछे लटक रही थी। इनका लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। बिना लाइसेंस वाहन चलाते पकड़े जाने पर इनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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