चांद को अर्ध्य देकर मांगी साजन की लंबी आयु
औरैया, जागरण संवाददाता : शाम का धुंधलका घना होते ही सोलह श्रंगार से सजी नवविवाहिताएं पूजा का थाल लेक
औरैया, जागरण संवाददाता : शाम का धुंधलका घना होते ही सोलह श्रंगार से सजी नवविवाहिताएं पूजा का थाल लेकर छतों पर पहुंच गई और पूरब से चांद के निकलने का इंतजार करने लगी। जो विवाहिताएं देर शाम तक तैयारियों में व्यस्त थी उन्होंने बच्चों की ड्यूटी लगाई कि वह चांद निकलते ही उन्हें सूचित करें। कहीं -कहीं पिया को ही अपनी सजनी के लिए यह जिम्मेदारी उठानी पड़ी। जैसे ही चांद निकला, दिख गया दिख गया का शोर छतों पर गूंजने लगा। इसी के साथ आतिशबाजी चलाई जाने लगी।
चांद की दीदार होते ही सुहागिनों ने पूजन शुरू कर दिया। चलनी से चांद का दीदार करने के बाद करवा से अर्घ्य दिया। पूजन अर्चन की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद सुहागिनें घरों में पहुंची और अपने पिया को चौक पर खड़ा कर उनकी आरती उतारी। साजन का आशीष लेने के बाद सुहागिनों ने पूरे दिन चला व्रत खोला। उधर दिन में घरों में पर्व पर बनाई जाने वाली डिश की तैयारियां रसोई घर में चली। करवा चौथ पर जिले में कढ़ी, चावल, दहीबड़ा, पूड़ी, पुआ आदि बनाए जाने की परंपरा है। इन सबके लिए महिलाओं को काफी देर तक रसोई में जुटना पड़ा। रसोई का काम निपटने के बाद सुहागिने सजना को रिझाने के लिए श्रंगार में जुटी। शाम को पूजन की प्रक्रिया शुरू की गई। उधर चांद निकलते ही आकाश आतिशबाजी की चकाचौंध से भर गया। लोगों ने अनार, राकेट, पटाखे चलाकर खुशियां मनाई। अजीतमल, दिबियापुर, बिधूना, एरवाकटरा, सहायल, बारपुर, अछल्दा, फफूंद में भी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।