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स्वच्छता के सपनों पर गंदगी की चादर

औरैया, जागरण संवाददाता : दो वर्ष पहले गांधी जयंती पर देश के प्रधानमंत्री ने खुद हाथों में झाड़ू था

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 01:00 AM (IST)
स्वच्छता के सपनों पर गंदगी की चादर

औरैया, जागरण संवाददाता :

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दो वर्ष पहले गांधी जयंती पर देश के प्रधानमंत्री ने खुद हाथों में झाड़ू थामकर जिस सपने के साथ अभियान की शुरूआत की थी। वह सपना लाख प्रयास के बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाया। देश को साफ सुथरा बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये गये। जनपद में भी स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत हुई। दो वर्ष बीतने के बाद भी जनपद में स्वच्छता स्थिति जस की तस है। इस अभियान के तहत शौचालय बनवाये जाने थे। शौचालय तो बने पर उन तक लोगों को पहुंचाने में सरकारी अमला सफल नहीं हो सका। ग्रामीण इलाकों में लोग अभी खुले में शौच जा रहे हैं तो शहर में अभी तक शौचालय के लिए आये आवेदनों के तहत अभी धनराशि आवंटित नहीं हो सकी है।

गांधी जयंती आने वाली है। इससे सरकारी अमला फिर सजग हो गया है। रैली और स्वच्छता अभियान को सफल बनाने को बैठकें शुरू हो गई हैं। धरातल पर स्थिति खासी शर्मनाक है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शौच के लिए जागरूक करने के लिए ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त ग्राम) की शुरुआत की गई। कर्मचारियों को इटावा व कानपुर देहात में प्रशिक्षण दिया गया। टीमें बना कर इसे सफल करने के लिए लगाया गया। कुछ दिन कार्य करने के बाद उदासीनता के चलते अभियान फुस्स हो गया। कुछ गांवों को पूर्णतय: ओडीएफ करने का दावा भी किया गया, लेकिन सत्यापन में यह फेल हो गये। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गांवों में शौचालय बनवाने के लिए दस करोड़ से अधिक धनराशि भी खर्च की जा चुकी है। इससे करीब 15 हजार शौचालय भी बनवाये गये। लेकिन ग्रामीणों को शौचालय में शौच के लिए भेजने में सरकारी अमला सफल नहीं हो सका।

प्रचार प्रसार में हुआ लाखों खर्च

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) को सफल बनाने के लिए लाखों रुपये प्रचार प्रसार के लिए खर्च किये गये। शहर भर में होर्डिंग, पोस्टर व वाल पें¨टग आदि से प्रचार प्रसार किया गया। पालिका द्वारा शहरी क्षेत्र के शौचालय विहीन परिवारों के आवेदन भी भरवाये गये। शौचालय निर्माण के लिए करीब 9 हजार आवेदन आये। इसमें कई आवेदनकर्ता ग्रामीण क्षेत्र के थे जिन्हें निरस्त कर दिया गया।

नहीं खत्म हो रहा गंदगी का अंबार

पालिका द्वारा साफ सफाई कराये जाने का दंभ भले ही भरा जा रहा हो लेकिन धरातल पर अभी भी गंदगी का अंबार है। पालिका के जिम्मेदार सुबह व शाम दोनों पालियों में सफाई कराये जाने की बात कहते हैं इसके बाद भी सड़कों व मोहल्लों में गंदगी बनी ही रहती है। शहर की बताशा मंडी, गो¨वदनगर, पुरानी कलेक्ट्रेट स्थित कांशीराम कालोनी आदि मोहल्लों में गंदगी के ढेर लगे दिखाई दिए।

डस्टबिन खुद बन

गए कूड़े का ढेर

स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर के प्रत्येक मोहल्लों में डस्टबिन रखने के लिए पालिका द्वारा खरीदे गये थे। पिछले दो महीनों से डस्टबिन पालिका में रखे हुए हैं। यहां एक साथ रखे करीब तीस डस्टबिन अब खुद कूड़े का ढेर लगने लगे हैं। पालिका ने अभी तक इन्हें मोहल्लों में स्थापित कराने का कोई प्रबंध नहीं कर पाया है। इन डस्टबिनों को मोहल्लों में स्थाई रूप से सेट कराये जाने की व्यवस्था होनी है।

पालिका का सफाई पर पूरा जोर

-शहर में सफाई व्यवस्था पर पूरा जोर है। सुबह व शाम दोनों समय सड़कों पर सफाई कराई जा रही है। दोपहर के समय सफाई कर्मी मोहल्ले मोहल्ले जाकर कूड़ा भी एकत्र करते हैं। फिर भी कहीं गंदगी है तो उसे भी साफ कराया जाएगा। विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।-राधा तिवारी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका।


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