कब तक तिलक स्टेडियम पर निर्भर रहेंगे खिलाड़ी
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में खेलकूद विभाग व स्टेडियम का निर्माण न होने से शहर व आस पास के क्षेत
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में खेलकूद विभाग व स्टेडियम का निर्माण न होने से शहर व आस पास के क्षेत्रों के खिलाड़ी तिलक स्टेडियम पर ही निर्भर रहते हैं। स्टेडियम में ज्यादा भीड़ हो जाती है। इससे महाविद्यालय प्रशासन ने अब स्टेडियम में बाहरी खिलाड़ियों के प्रवेश पर कई पाबंदी लगा दी है। रविवार को स्टेडियम पूरी तौर से बंद रहता है।
जनपद की सरकारी व गैर सरकारी प्रतियोगिताएं तिलक स्टेडियम पर ही सम्पन्न कराई जाती हैं। खेल निदेशालय द्वारा होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भी स्टेडियम में होते हैं। इसके अलावा जनपद के खिलाड़ियों के प्रैक्टिस के लिए एक मात्र तिलक स्टेडियम ही है।
स्टेडियम की खास बात यह है कि मैदान में 400 मीटर का एथलेटिक्स ट्रैक के अलावा फुटबाल, हैंडबाल, खो-खो, कबड्डी व बालीवाल आदि की सुविधा उपलब्ध हैं। वहीं इंडोर गेम्स में बैड¨मटन व टेबिल टेनिस की सुविधा भी है। खिलाड़ी इन सुविधाओं का भरपूर उपयोग करते हैं। पिछले तीन माह से पाबंदी लगाए जाने से खिलाड़ियों की प्रैक्टिस में व्यवधान है। हालांकि महाविद्यालय का स्टेडियम होने से आम जनता द्वारा कुछ कह भी नहीं पाती है।
इस स्टेडियम के अलावा जनपद के अन्य महाविद्यालयों व इंटर कालेजों में इस तरह के मैदान भी नहीं है। इससे बेसिक व माध्यमिक स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताएं नहीं हो पाती हैं। जनता इंटर कालेज, सुंदर ¨सह इंटर कालेज रामगढ़ ऐसे गिने चुने दर्जन भर कालेज हैं जहां पर खेलकूद के लिए मैदान उपलब्ध हैं। नए खुले माध्यमिक व महाविद्यालयों में खेलकूद के नाम पर मैदान तक मौजूद नहीं हैं। ऐसे में इन विद्यालयों में खेलकूद गतिविधियां संचालित होना मुश्किल है।
जिला युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा कलेक्ट्रेट के सामने पायका योजना के तहत तिरंगा स्टेडियम का निर्माण किया गया था, लेकिन आज उसकी भी हालत खराब है। जबकि जिला युवा कल्याण अधिकारी विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की खेलकूद प्रतियोगिताएं हर वर्ष की जाती हैं। जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं पिछले दो तीन साल तो इसी मैदान पर कराई गईं, लेकिन अब यह मैदान खस्ताहाल है।
तिलक महाविद्यालय के क्रीड़ा अधीक्षक प्रो. सीपी त्रिपाठी का कहना है कि रविवार को स्टेडियम के रख रखाव के लिए बंद रखा जाता है। स्टेडियम खुलने व बंद होने का समय बहुत पहले से निश्चित है।