पुत्र पिता के शव का नहीं कर सका दर्शन
औरैया, जागरण संवाददाता : बुधवार को जिला जजी की हवालात के बाहर घटित एक नजारे ने उपस्थित लोगों को
औरैया, जागरण संवाददाता : बुधवार को जिला जजी की हवालात के बाहर घटित एक नजारे ने उपस्थित लोगों को उस समय भावुक कर दिया। जब बैकुंठ धाम वाहन में रखे एक तहसील कर्मी के शव के अंतिम दर्शन हवालात में निरुद्ध पुत्र नहीं कर सका। तहसील कर्मी की पत्नी बिलखती हुई पुलिस कर्मियों से गुहार लगाती रही, लेकिन ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उनकी नहीं सुनी।
तहसीलदार औरैया के यहां ड्यूटी करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विक्रम की बुधवार को मौत हो गई। उसका एक बेटा आशू हत्या के एक मुकदमे में फंसा है और जेल में निरुद्ध है। बुधवार को उसे पेशी के लिए जेल से न्यायालय लाया गया। वह हवालात में बंद था। विक्रम की उसकी पत्नी दाह संस्कार को यमुना तट पर ले जाते समय शव वाहन को जिला जजी हवालात के बाहर ले लाई थी। उसे उम्मीद थी कि वह हवालात में मौजूद पुत्र आशू को अपने पिता का अंतिम दर्शन करा देगी। लेकिन उसकी यह इच्छा धरी रह गई। हवालात के सुरक्षा कर्मियों ने उसे गेट के बाहर निकाल कर शव तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी। विक्रम की पत्नी बिलखते हुए पुत्र को शव तक ले जाने की गुहार लगाती रही। हालांकि शव वाहन व गेट के पीछे खड़े पुत्र आशू के बीच मात्र कुछ कदम का फासला था, लेकिन पुलिस कर्मियों ने कड़े नियमों का हवाला देकर बिलखती महिला की इच्छा पूरी नहीं की। उपस्थित भीड़ काफी देर तक यह नजारा देख कर अमानवीय ²ष्टिकोण पर विपरीत टिप्पणी करती देखी गई।