माध्यमिक विद्यालयों में नए सत्र में पढ़ाई को संकट
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद के वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे न
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद के वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे नए सत्र में शिक्षण कार्य के लिए प्रधानाचार्य व प्रबंधतंत्र को पढ़ाई कराने के लिए संकट का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में कुल सृजित पदों में से आधे से अधिक पद खाली चल रहे हैं। यही हाल राजकीय विद्यालयों का भी है। जहां पर साठ फीसद से अधिक पद खाली हैं।
जनपद में वर्तमान में साठ वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय हैं। वहीं 15 राजकीय विद्यालय हैं। राजकीय विद्यालयों में तो शिक्षकों की भारी कमी है। कई विद्यालय तो ऐसे हैं जहां पर एक भी अध्यापक तैनात नहीं है। वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालयों में भी स्थिति बहुत खराब है। वहां पर प्रवक्ता व एलटी ग्रेड के 685 पद सृजित हैं, लेकिन वर्तमान में आधे से अधिक पद खाली चल रहे हैं। कई विद्यालयों में तो एक दो शिक्षक ही रह गए हैं। ऐसे में प्रबंधतंत्र को अपने संसाधनों से शिक्षक रख कर काम चलाना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के माध्यमिक विद्यालयों में स्थिति और भी खराब है। यहां पर शिक्षकों की कमी पूरी करना प्रबंधतंत्र को मुश्किल पड़ती है। मजबूरीवश उन्हीं शिक्षकों से काम चलाना पड़ता है। ऐसे में छात्रों को कई विषयों का अध्यापन कार्य नहीं हो पाता है। विद्यालय संचालकों का कहना है कि माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड का संचालन होने के बावजूद जनपद में अध्यापकों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। तिलक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. आंजनेय सहाय अवस्थी का कहना है कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी से कई विषयों की मान्यता उनके प्रधानाचार्य बनने से पहले ही समाप्त हो चुकी है। वर्तमान में जिन विषयों में शिक्षक नहीं हैं अंशकालिक शिक्षक रख कर काम चलाना पड़ता है। इसके लिए प्रबंध तंत्र अपने संसाधनों का प्रयोग करता है।