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योग के अस्त्र ने दिलाई बीमारियों पर विजय

औरैया, जागरण संवाददाता : हर रोज असहनीय पीड़ा से दो चार होना, चलने के लिए किसी के सहारे की जरूरत, दैनि

By Edited By: Published: Mon, 20 Jun 2016 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2016 10:03 PM (IST)
योग के अस्त्र ने दिलाई बीमारियों पर विजय

औरैया, जागरण संवाददाता : हर रोज असहनीय पीड़ा से दो चार होना, चलने के लिए किसी के सहारे की जरूरत, दैनिक क्रियाओं के लिए परेशान होना, विद्यालय से अवकाश लेना आदि कार्य उनकी मजबूरी बन गई थी। उन्हें साइटिका ने घेर लिया था। इलाज के लिए चिकित्सकों के चक्कर लगाना उनके दिनचर्या का हिस्सा बन गया। कई चिकित्सकों की सलाह के बाद भी उन्हें इस बीमारी से आराम नहीं मिला। इसके बाद योग का सहारा लिया तो कुछ ही दिनों में उन्हें बीमारी से राहत मिलने लगी। लगातार योग क्रिया करने के बाद अब वह इस बीमारी से मुक्ति पा चुके है। योग को वह बीमारियों से लड़ने का सबसे बड़ा अस्त्र बताते हैं।

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हम बात कर रहे हैं शहर के आवास विकास में रहने वाले शिक्षक अवधेश शुक्ला की। शहर के लोगों के बीच योग की अलख जगाना इनका उद्देश्य बन गया है। जगह जगह कैंप लगाकर लोगों को योग के लिए जागरूक करना इनके जीवन का लक्ष्य है। शिक्षक अवधेश शुक्ला बताते हैं जब योग शुरू किया तब साइटिका, गैस और कब्ज जैसी कई बीमारियों ने उन्हें घेर रखा था। वह इन बीमारियों से काफी परेशान थे। उनकी पत्नी व बच्चे भी उनकी बीमारियों से दुखी रहते थे। कई चिकित्सकों की सलाह के बाद वह 2008 में तिलक इण्टर कालेज में चल रहे योग शिविर से जुड़े। इसके बाद फरवरी 2009 में बाबा रामदेव से योग का प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहीं से योग उनके जीवन का हिस्सा बन गया। वह बताते हैं कि आज वह बीमारियों से 99 प्रतिशत मुक्ति पा चुके हैं। अब वह लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए योग की शिक्षा देते हैं। शहर के काली माता मंदिर में पिछले चार वर्षों से निशुल्क योग शिविर का आयोजन कर लोगों को योग शिक्षा दे रहे हैं। वह बताते हैं कि योग के माध्यम से करीब एक सैकड़ा लोगों को बीमारियों से मुक्ति दिला चुके हैं। वह बताते हैं कि आसन, यौगिक जो¨गग, एवं प्रणायाम करना होता है। इन सब में प्राणायाम का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि प्रणायाम का शब्दिक अर्थ प्राणों का आयाम है। जो व्यक्ति एक मिनट जितनी कम स्वासें लेता है उसकी आयु उतनी ही अधिक होती है। प्रणायाम करने से स्वासों पर नियंत्रण होना प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने बताया कि योग के सभी आसनों को करने से किसी भी बीमारी को दूर भगाया जा सकता है। वह कहते हैं करें योग रहे निरोग।

जीवन का हर क्षण योग को समर्पित

औरैया : शहर के जेसीज चौराहा के पास रहने वाले मिथुन मिश्रा लोगों को योग की शिक्षा देते हैं। पिछले दस वर्षों से अधिक से वह योग को कर रहे हैं। वह कहते हैं कि उनके जीवन का हर क्षण योग के लिए बना है। इनके योग करने का एक अलग ढंग है। यह पावर योग करते हैं साथ ही लोगों को प्राकृतिक शिक्षा भी देते हैं। उनके मुताबिक पावर योग और प्राकृतिक शिक्षा से कब्ज, गैस, अपच, आलस्य, अनिद्रा, मोटापा, मधुमेह, सफेद दाग, चर्मरोग सहित सैक्स संबंधी कई बीमारियों से लड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि शहर के डा. रामशंकर बाजपेई, मंजुल शुक्ला, जय बिहारी शुक्ला सहित सैकड़ों लोग योग के द्वारा निरोगी हुए हैं।


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