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कन्वर्जन कास्ट बढी फिर भी दूध वितरण ठप

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद के परिषदीय विद्यालयों में सरकार के आदेश को शिक्षक धता बता रहे हैं। हाल

By Edited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 05:38 PM (IST)
कन्वर्जन कास्ट बढी फिर भी दूध वितरण  ठप

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद के परिषदीय विद्यालयों में सरकार के आदेश को शिक्षक धता बता रहे हैं। हालत यह है कि स्कूलों में दूध वितरण के लिए कन्वर्जन कास्ट में तो बढ़ोतरी कर दी गई, लेकिन जनपद भर के विद्यालयों में दूध का वितरण बिल्कुल ठप चल रहा है। शिक्षक संघों द्वारा बच्चों को दूध दिए जाने का विरोध भी किया जा रहा है।

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परिषदीय व अन्य सहायता प्राप्त विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है, जिसके तहत गेहूं चावल तो राशन की दुकानों से उपलब्ध हो जाता है, वहीं अन्य सामग्री के लिए कन्वर्जन कास्ट के रूप में प्राइमरी विद्यालयों में 3.58 रुपए तथा जूनियर हाईस्कूल में 5.63 रुपए प्रति छात्र प्रदान किए जाते हैं। वहीं पिछले सत्र में प्रदेश सरकार द्वारा मिडडे मील में एमडीएम के साथ बुधवार को दूध वितरण किए जाने का आदेश दिया गया था। जिसके चलते विद्यालयों में दूध का वितरण शुरू हो गया था, वहीं विभागीय अधिकारी भी निरीक्षण पर निकले थे, लेकिन एक माह बाद ही इसका विरोध शुरू हो गया। शिक्षक संघों द्वारा कन्वर्जन कास्ट बढ़ाए जाने की मांग की जाने लगी। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा भी कन्वर्जन कास्ट बढ़ाए जाने की मांग की गई। करीब तीन माह बाद सरकार द्वारा जूनियर की कन्वर्जन कास्ट 5.78 रुपए, वहीं प्राथमिक में 3.76 रुपए कन्वर्जन कास्ट कर दी गई। कन्वर्जन कास्ट बढ़ने के साथ ही दूध का वितरण विद्यालयों में बंद सा हो गया है। जनपद में कोई भी विद्यालय ऐसा नहीं है, जहां पर दूध का वितरण किया जाता हो।

क्या कहते हैं शिक्षक

जनपद के शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा जो कन्वर्जन कास्ट प्रदान की जा रही है उससे तो बच्चों के लिए अब सब्जी लाना भी मुश्किल हो रहा है। शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान में आलू व टमाटर के रेट भी आसमान छू रहे हैं। बच्चों को दूध दिए जाने से शिक्षकों को अपनी जेब से खर्च करना पड़ेगा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार श्रीवास का कहना है कि शासन के नियम के अनुसार एमडीएम का वितरण कराना सुनिश्चित किया जा रहा है। दूध वितरण प्रत्येक बुधवार को विद्यालयों में किया जाता है। उनका कहना है कि शीघ्र ही अभियान चलाकर एमडीएम की स्थिति को परखा जाएगा।


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