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महंगाई के चलते पेंटस की दुकानों पर दिख रहा सन्नाटा

औरैया, जागरण संवाददाता : दीपावली पर घरों की रंगाई -पुताई पर जोर दिखाई देता है, लेकिन इस बार महंगाई क

By Edited By: Published: Tue, 03 Nov 2015 05:46 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2015 05:46 PM (IST)
महंगाई के चलते पेंटस की  दुकानों पर दिख रहा सन्नाटा

औरैया, जागरण संवाददाता : दीपावली पर घरों की रंगाई -पुताई पर जोर दिखाई देता है, लेकिन इस बार महंगाई के चलते दुकानों पर सन्नाटे जैसी स्थिति बनी हुई है। दुकानदारों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में तो रंगाई -पुताई का काम हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक न के बराबर शुरुआत हुई है।

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दशहरे के बाद घरों की रंगाई -पुताई का काम जोरों से शुरू हो जाता है। वहीं अब दीपावली के मात्र दस दिन शेष रह गए हैं, लेकिन महंगाई के चलते अधिकतर पेंटस की दुकानों पर ग्राहकों की संख्या न के बराबर दिखाई दे रही है। हालत यह है कि महंगे पेंटस की बिक्री तो हो रही है। सस्ते क्वालिटी के पेंटस की बिक्री इस वर्ष न के बराबर है। इसका प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों से ग्राहकों की आमद न के बराबर है। इस बार कलई, गेरू, पीली मिट्टी की खरीदारी के लिए एक दो ग्राहक ही आते हैं। जबकि दीपावली के दस दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती थी। इसका प्रमुख कारण किसानों को लगातार दो फसलों में हो रहे नुकसान से भी जोड़ा जा रहा है। किसानों का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से त्योहार मनाना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में रंगाई -पुताई किए जाने की बात भी नहीं सोची जा सकती है।

वहीं दूसरी ओर दुकानदारों का कहना है कि इस बार रंगाई -पुताई के उत्पादों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। कलई के दामों में मामूली वृद्धि जरूर हुई है। महंगे पेंटस में तो कमी ही आई है। उनका कहना था कि पेंट 1200 रुपए से पांच हजार रुपए तक प्रति दस लीटर हैं। दुकानदार सुधीर पोरवाल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों की संख्या न के बराबर है। हालांकि शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त रंगाई -पुताई का काम हो रहा है जिसकी वजह से सुबह शाम ही दुकानों पर भीड़ दिखाई देती है। वहीं दुकानदार अजय पोरवाल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी रंगाई पुताई ने गति नहीं पकड़ी है। जैसे ही एक सप्ताह शेष रह जाता है ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानदारी बढ़ जाती है।


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