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रसोई घर में हरचन्दपुर पुलिस चौकी

दिबियापुर (औरैया) संवाद सूत्र : जनपद के सबसे बड़ी ग्रामसभा हरचन्दपुर में स्थापित पुलिस चौकी सहकारी सं

By Edited By: Published: Sat, 31 Oct 2015 06:35 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2015 06:35 PM (IST)
रसोई घर में हरचन्दपुर पुलिस चौकी

दिबियापुर (औरैया) संवाद सूत्र : जनपद के सबसे बड़ी ग्रामसभा हरचन्दपुर में स्थापित पुलिस चौकी सहकारी संघ के रसोई घर में चल रही है। जहां न तो पुलिस कर्मियों के रहने और न ही लेटने की व्यवस्था है जिसके चलते उनके असलहा तक सुरक्षित नहीं हैं। चौकी स्थापित हुए करीब बीस वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन विभाग अभी तक इमारत नहीं बनवा पाया है।

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यह हाल जिले की सबसे बड़ी ग्रामसभा में स्थित पुलिस चौकी का है। हरचन्दपुर पुलिस चौकी जिस भवन में चलती है वह किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है। चौकी में ही पुलिस कर्मी अपने असलहा रखते हैं। ड्यूटी के बाद बाहर बरामदे या खुले में लेटते हैं। उन्हीं के सामने किसानों का अनाज की खरीद होती है जिस पर दिन भर किसानों की भीड़ लगी रहती है। लगभग दो दशक से पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा की पहल पर हरचन्दपुर पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी। जो पाता-रामगढ़ मार्ग पर टीले पर बनाई गई थी, लेकिन बहुत ज्यादा एकांत में होने से पुलिस कर्मी कस्बे की ओर चले आते थे। देखभाल के अभाव में इमारत ध्वस्त हो गई। इसी दौरान धनीराम वर्मा नेता प्रतिपक्ष बने और उन्होंने हरचन्दपुर में थाना बनाए जाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भिजवाया। सर्वे भी कराया गया, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए बल्कि पुलिस चौकी अपनी इमारत से सहकारी संघ की रसोई घर में जरूर चलने लगी। कई वर्षों से जिस जर्जर इमारत में पुलिस चौकी चल रही है उसमें मात्र एक छोटा सा कमरा है जिसमें खाने -पीने तक का सामान सुरक्षित नहीं रहता है। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब पुलिस किसी अपराधी को पकड़ कर लाती है और थाने ले जाने से पूर्व उसे कहां रखे। इसलिए रात के समय पकड़े गए अपराधी को सुबह तक चारों ओर से घेर कर पुलिस कर्मी रखते हैं। सुबह होने पर उसे थाने का लॉकअप में बंद कराया जाता है। क्षेत्रीय जनता डा. चन्द्रशेखर राठौर, अरुण कुमार यादव, अखिलेश शाक्य, राम प्रकाश राजपूत, गंगाराम, सतीश चन्द्र फौजी आदि लोगों ने पुलिस अधीक्षक व सरकार से मांग की कि दिबियापुर थाने का क्षेत्र और भौगोलिक संरचना देखते हुए हरचन्दपुर को थाना बनाया जाना चाहिए।


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