विशेष) ¨चताजनक : औरैया में हर छठवां बच्चा कुपोषित
औरैया, जागरण संवाददाता : प्रदेश के अति कुपोषित बच्चों को लेकर चिह्नित 32 जनपदों में शामिल औरैया की ह
औरैया, जागरण संवाददाता : प्रदेश के अति कुपोषित बच्चों को लेकर चिह्नित 32 जनपदों में शामिल औरैया की हालत यह है कि भावी कर्णधारों का बचपन कुपोषण का दंश झेल रहा है। करीब दो लाख बच्चों में लगभग 33 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इनकी देखभाल करने वाला खुद कर्मचारियों के मामले में 'कुपोषित' है। जिला कार्यक्रम अधिकारी की टीम ने जिले में पांच वर्ष तक के 1,87,794 बच्चे पंजीकृत किए हैं। इन बच्चों को ग्रीनकार्ड (सामान्य), यलो कार्ड (कुपोषित) रेड कार्ड (अति कुपोषित) के तहत सूचीबद्ध किया गया गया है। बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बाल पुष्टाहार विभाग को पोषकतत्वों से युक्त भोजन प्रदान करना चाहिए। यह कार्य जनपद में संचालित 1789 आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसके बावजूद इस वक्त जिले में 16,613 अतिकुपोषित व 15,829 कुपोषित बच्चे हैं। कुपोषण का शिकार यह 32,502 बच्चे प्रशासनिक प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान भी हैं। प्रशासन की सफाई यह है कि इन योजनाओं को कारगर ढंग से सम्पन्न कराने के लिए जितने कार्मिकों की जरूरत पड़ती है, उतने यहां नहीं है। सीडीपीओ के आठ पदों में से पांच रिक्त हैं। मुख्य सेविका के 48 पदों में से 24 रिक्त हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के 1789 पदों में से 252 तथा कार्यकत्री सहायक के 1789 पदों में से 562 खाली चल रहे हैं। यही वजह है कि 2013 में 12 व 2014 में पांच अति कुपोषित बच्चे और बढ़ गए। जबकि 2015 में शासन से राज्य पोषण मिशन कार्यक्रम के तहत अति कुपोषित बच्चों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। जिला कार्यक्रम अधिकारी लतिका ¨सह का कहना है कि शासन की योजनाओं के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को केंद्र खोलने तथा पुष्टाहार का वितरण किए जाने का निर्देश दिए गए हैं। उनका कहना था कि समय-समय पर इन केंद्रों का निरीक्षण कर समीक्षा भी की जाती है।