आशा बहुओं की उदासीनता से जननी सुरक्षा योजना को झटका
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में जननी सुरक्षा योजना के पूरा होने में आशा बहुओं की उदासीनता बड़ी बाधा
औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में जननी सुरक्षा योजना के पूरा होने में आशा बहुओं की उदासीनता बड़ी बाधा बन गई है। परिणाम यह है कि छह माह में अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 30 प्रतिशत ही लाभार्थियों की संख्या पहुंच पाई है।
आशा बहुओं के भुगतान में परेशानी होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों से प्रसव के लिए महिलाओं का आने का क्रम भी कम होने लगा है, जिसकी वजह से अस्पताल में पहुंचने वाले प्रसव की संख्या में कमी आई है। वहीं इस वर्ष जननी सुरक्षा का लक्ष्य भी पांच माह में बमुश्किल 30 फीसद ही हो पाया है। जबकि पिछले वर्षों में यह संख्या अधिक हुआ करती थी। वर्ष 2013-14 में 8754 लाभार्थियों की संख्या थी जोकि लक्ष्य से 50.26 प्रतिशत था। जबकि वर्ष 2014-15 में यह संख्या 7706 थी, जोकि लक्ष्य के सापेक्ष 45 फीसद रही थी। इस वित्तीय वर्ष में संख्या 4000 के आसपास पहुंच पाई है। ऐसे में शेष छह महीने में लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा। यह बात विभागीय अधिकारी भी नहीं बता पा रहे हैं।
इस वित्तीय वर्ष से चेक सिस्टम खत्म कर मानदेय दिए जाने की नई व्यवस्था शुरू कर दिए जाने से आशा बहुओं को मानदेय मिलने में कठिनाइयां आने लगी हैं। इससे वह काम के प्रति उदासीन हो गईं हैं। इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि आशा बहुओं के मानदेय का भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। भुगतान में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि हर हालत में लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।