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नई व्यवस्था में जननी सुरक्षा योजना खटाई में

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में जननी सुरक्षा योजना का लक्ष्य इस बार पूरा होता नहीं दिख रहा है। अभी

By Edited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 06:05 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 06:05 PM (IST)
नई व्यवस्था में जननी सुरक्षा योजना खटाई में

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में जननी सुरक्षा योजना का लक्ष्य इस बार पूरा होता नहीं दिख रहा है। अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 40 फीसद भी पूरा नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि आशा कार्यकत्रियों के मानदेय मिलने में होने वाली परेशानी के चलते इस बार लक्ष्य में कुछ कमी दिखाई दे रही है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग ने लक्ष्य के सापेक्ष कुल 64 प्रतिशत ही हासिल हो सका था।

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एनआरएचएम घोटाले की जांच के बाद इस योजना में अधिकारियों द्वारा विशेष सतर्कता बरती जाने लगी है। वहीं शासन द्वारा भी भुगतान की प्रक्रिया दिन प्रतिदिन जटिल की जा रही है। जिसका परिणाम है कि जननी सुरक्षा के लक्ष्य के प्रतिशत में लगातार कमी होती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में लक्ष्य के सापेक्ष 101.2 प्रतिशत जबकि 2014-15 में 76.61 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया था, वहीं वित्तीय वर्ष 2015-16 के शुरू के पांच माह में अभी तक 35.2 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में जननी सुरक्षा के लाभार्थियों को एकांउटपेयी चेक से भुगतान किया जाने लगा जिसके चलते लाभार्थियों की संख्या में कमी आई है।

वहीं आशा कार्यकत्रियों को मिलने वाला मानदेय भी इंटरनेट द्वारा स्थानांतरित किए जाने के चलते परेशानी पैदा हो रही है। पिछले महीने इस वित्तीय वर्ष में आशा कार्यकत्रियों के भुगतान न होने पर सीएमओ का वेतन शासन स्तर पर रोक दिया गया था। बाद में सीएमओ द्वारा कड़ाई दिखाए जाने के बाद मानदेय का भुगतान हो सका था। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना था कि मानदेय भुगतान की प्रक्रिया कड़ी कर दिए जाने के कारण यह समस्या पैदा हुई है। बैंक कर्मचारियों की वजह से भुगतान में देरी हुई थी।

मानदेय देरी से मिलने के कारण आशाओं द्वारा इस ओर से मुंह मोड़ लिया गया था। जिसके चलते लाभार्थियों की संख्या में कमी देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में लाभार्थियों की संख्या 17500 जबकि वर्ष 2014-15 में यह संख्या घटकर 15747 पहुंच गई थी। इस बार संख्या और भी कम रहने की संभावना है। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एनकेएस यादव का कहना है कि लक्ष्य हर हालत में पूरा किया जाएगा। इसके लिए आशाओं को समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं। उनका कहना है कि न तो लाभार्थियों और न ही आशाओं को भुगतान में कोई परेशानी नहीं होगी।


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