अपने ही घर में बेगाने हुए लोहिया
राघवेंद्र प्रताप ¨सह गौर, बिधूना(औरैया) : समाजवाद के प्रेणता डा. राममनोहर लोहिया के जिन सिद्धांतों
राघवेंद्र प्रताप ¨सह गौर, बिधूना(औरैया) : समाजवाद के प्रेणता डा. राममनोहर लोहिया के जिन सिद्धांतों और आदर्शो का लबादा ओढ़कर सत्ता पर काबिज हुई है, वहीं लोहिया अपनों के बीच ही बेगाने नजर आते हैं। औरैया-इटावा सत्तारूढ़ दल के हाईकमान का गृह क्षेत्र है और यहीं डा. लोहिया की प्रतिमा की अनदेखी पर सवाल उठ रहे हैं।
कस्बा के रामलीला मैदान के निकट बने लोहिया पार्क की दुर्दशा लोगों से देखी नहीं जा रही है। उखड़ा चबूतरा, प्रतिमा से गायब चश्मा और बंद रास्ता देखकर खांटी समाजवादियों के भी माथे पर बल पड़ते साफ देखे जा सकते हैं। सपा संस्थापक मुलायम ¨सह यादव जनता दल की सरकार में पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इटावा औरैया में डा. लोहिया की प्रतिमायें स्थापित करने का संकल्प लिया था। इसी के तहत कस्बा में रामलीला मैदान के निकट लोहिया की आदमकद प्रतिमा स्थापित कर पार्क बनाया गया था। बीते वर्षों में विधायक की क्षेत्रीय विकास निधि से रामलीला मंच और रैनबसेरा का निर्माण कराया गया। जिसके चलते डा. लोहिया पार्क पूरी तरह से ढक गये। प्रतिमा का चश्मा भी गायब है, पार्क में झाड़-झंखाड़ उग आये हैं। शराबी प्रतिमा के नीचे ही जाम लड़ाते हैं। सब कुछ पुलिस की नजर में भी है और खुद को समाजवादी बताकर डींग हांकने वाले भी सब देखते हैं। लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सियासत के क्षेत्रीय अलंबरदारों का हाल यह है कि खुद विधायक प्रमोद गुप्ता एलएस कई बार दुर्दशा दूर करने की घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन हाल जस के तस बने हैं। सन 1967 में जब मुलायम ¨सह यादव लोकसभा का चुनाव लड़े तो आसपास के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में उनके मत कम निकले लेकिन बिधूना विधानसभा क्षेत्र की मतगणना के बाद वह 10,500 वोटों से विजयी हुये थे। उसी साल 16 अप्रैल को मुलायम ¨सह पहली बार बिधूना आये तो कहा था कि यहां की जनता ने मुझे डूबने से बचा लिया। इसके बाद 12 अक्टूबर, 67 को डा. लोहिया की मृत्यु हो गयी। तब सपा मुखिया ने प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया था, लेकिन अब पार्क का मुख्य द्वार रामलीला मंच के चलते बंद हो गया है। प्रतिमा पार्क में कैद नजर आती है। इस संबध में नगर पंचायत अध्यक्ष मनोज कुमारी मिश्रा का कहना है कि स्थिति से डीएम को अवगत करा दिया गया है। अस्थाई कर्मचारी की नियुक्ति भी पार्क की देखरेख के लिए की गई है।