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मनरेगा कार्यो पर अघोषित रोक, मजदूरी के लिए भटक रहे मजदूर

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में मनरेगा कार्य में लगे मजदूरों को छह माह से अधिक समय से मजदूरी का भु

By Edited By: Published: Mon, 23 Mar 2015 01:16 AM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2015 01:16 AM (IST)
मनरेगा कार्यो पर अघोषित रोक, मजदूरी के लिए भटक रहे मजदूर

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में मनरेगा कार्य में लगे मजदूरों को छह माह से अधिक समय से मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। जिसकी वजह से जनपद भर में मनरेगा के कार्यो पर अघोषित रोक सी लगी है। वहीं मजदूरी के लिए मनरेगा मजदूर परेशान हैं। जनपद भर में चार करोड़ 12 लाख रुपए मजदूरी के शेष हैं।

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इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा की हालत इतनी दयनीय है कि एक लाख कार्ड धारकों में प्रशासन 30 हजार परिवारों को ही काम मिल सका है। जिन्हें काम मिला उन्हें अब तक मजदूरी नहीं मिल पाई है। जिसके चलते जॉब कार्ड धारकों का मनरेगा से मोह भंग होता जा रहा है। जिला प्रशासन पर अब भी चार करोड़ 12 लाख रुपए की मजदूरी शेष है। जबकि 35 करोड़ रुपए मजदूरी कराने का लक्ष्य बनाया गया था। जिसके एवज में 19 करोड़ रुपए की ही मजदूरी हो सकी। कई ग्राम पंचायतों में मजदूरी न मिलने के कारण रोजगार सेवकों को काम कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसी का परिणाम है कि अधिकतर गांवों में मनरेगा के कार्यो में रोक सी लग गई है। रोजगार सेवकों का कहना है कि जब मजदूरों को भुगतान नहीं किया जाएगा तो काम कराने में समस्या तो आएगी ही। वहीं बड़ी संख्या में मजदूर शहर में आकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि यदि समय से मजदूरी का भुगतान नहीं होगा तो ऐसे में कार्य करने से क्या फायदा होगा। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन का कहना है कि शीघ्र ही बकाया मजदूरी का भुगतान करा दिया जाएगा। सरकार की नई नीति के अनुसार जॉब कार्ड धारकों को काम मांगने पर ही मिलेगा। इस संबंध में परियोजना निदेशक अजय प्रकाश का कहना है कि जनपद में मनरेगा से काम कराए जा रहे हैं। शीघ्र ही बकाया मजदूरी का भी भुगतान किया जाएगा।


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