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लापता हुए 11 ट्रकों का सुराग नहीं लगा सकी पुलिस

औरैया, जागरण संवाददाता : पाता प्लांट से प्लास्टिक दाना लादकर निकलने वाले ट्रकों पर शातिर गैंग की नजर

By Edited By: Published: Sun, 22 Mar 2015 01:13 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2015 01:13 AM (IST)
लापता हुए 11 ट्रकों का सुराग नहीं लगा सकी पुलिस

औरैया, जागरण संवाददाता : पाता प्लांट से प्लास्टिक दाना लादकर निकलने वाले ट्रकों पर शातिर गैंग की नजर है। बीते छह माह में 11 ट्रक प्लांट से निकले, लेकिन मंजिल तक नहीं पहुंचे। बदमाशों ने पूरी प्लानिंग के तहत ट्रक अगवा किए और उनमें लदा प्लास्टिक दाना महानगरों के ब्लैक मार्केट में बेच डाला। इतनी घटनाओं के बावजूद अभी तक जिला पुलिस के कान खड़े नहीं हुए हैं। अभी तक किसी मामले में पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है।

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बीती 27 जून से लेकर अब तक अलग -अलग ट्रांसपोर्ट कंपनियों के 11 ट्रक प्लांट से निकलने के बाद गायब किए जा चुके हैं। प्लास्टिक दाना के ट्रांसपोर्ट में लगी इंग्लैड व‌र्ल्ड का एक ट्रक 27 जून को लापता हुआ था। ट्रक बीस टन प्लास्टिक दाना लादकर रायपुर के लिए रवाना हुआ था। कंपनी से जुड़े पीयूष त्रिपाठी के मुताबिक ट्रक को स्कार्पियो सवार बदमाशों ने घेर लिया। चालक -परिचालक को बंधक बनाकर अहेरीपुर के निकट सुनसान जगह पर फेंक दिया और ट्रक उड़ा ले गए। आज तक ट्रक के बारे में कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा था, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई। इसी कंपनी का दूसरा ट्रक तीन दिसंबर को लापता हुआ। पांच दिसंबर को चालक का शव नेशनल हाइवे पर ओरियन्टल कंपनी के निकट पड़ा मिला। पहले पुलिस ने इसे लावारिस शव के रूप में पीएम को भेजा, बाद में इसकी शिकायत लापता हुए ट्रक के चालक के रूप में की गई। इसी तरह बिक्की रोडवेज का प्लास्टिक दाना लदा ट्रक बीती आठ नवम्बर को प्लास्टिक दाना इंदौर ले जाते वक्त लापता हो गया। 24 नवम्बर को चालक का शव नेशनल हाइवे पर ओरियन्टल कंपनी के निकट ही बरामद हुआ। इस मामले में भी पुलिस ने वहीं कहानी दोहराई। कंपनी सूत्रों के मुताबिक खाली ट्रक दिल्ली के जहांगीरपुरी थाना पुलिस ने बरामद किया है। प्लास्टिक दाना ट्रांसपोर्टेशन में लगी रिडको कंपनी के भी चार ट्रक बीते छह माह में लापता हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक तीन ट्रक राजस्थान से अगवा किए गए जबकि एक औरैया में ही बदमाशों का निशाना बना। ग्लोब रोडवेज कंपनी का भी एक ट्रक इसी तरह कुछ माह पूर्व बदमाशों ने पार कर दिया था। इसके चालक -परिचालक का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। जबकि खाली ट्रक नोएडा में बरामद किया गया था। तीन और फ्रेट कंपनियों के ट्रक भी बदमाशों द्वारा अगवा किए जा चुके हैं। ट्रांसपोर्टेशन कंपनियों से जुड़े लोगों का सवाल है कि कागजातों में जरा सी कमी होने पर सेल टैक्स विभाग उनके ट्रक पकड़ लेता हैं, लेकिन अगवा किए गए ट्रक कैसे पास हो जाते हैं। बदमाशों का गैंग तकनीक का भी जानकार है। कंपनियों के अधिकांश ट्रकों में जीपीआरएस लगा है, लेकिन अगवा होने के कुछ देर बाद ही यह सिस्टम निष्क्रिय कर दिया जाता है। ट्रक अगवा करने की ऐसी ही एक अन्य घटना को 29 अगस्त को अंजाम दिया गया था। यह ट्रक छत्तीसगढ़ के कोरबा से एल्यूमीनियम लादकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। 29 को चालक -परिचालक के शव आनेपुर के निकट बरामद किए गए थे। गत दिवस शहर आई सतना निवासी ट्रक चालक की विधवा रीता देवी ने एल्यूमीनियम लूटने की गरज से पति व ट्रक के हेल्पर की हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए तहरीर पुलिस को दी थी। इन सभी मामलों में पुलिस अभी तक अंधेरे में तीर चलाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है।


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