परिदृष्टि
औरैया : डाक विभाग की कृपा कहें या फिर एजेंटों की, हजारों की संख्या में पासबुक व फार्म को कहीं जगह नह
By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 01:16 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 01:16 AM (IST)
औरैया : डाक विभाग की कृपा कहें या फिर एजेंटों की, हजारों की संख्या में पासबुक व फार्म को कहीं जगह नहीं मिली तो यमुना नदी के शमसान घाट पर उन्हें अग्नि को समर्पित कर दिया। यह बात दीगर है कि वह निप्रयोज्य हों और रद्दी के भाव बेचने के बजाय विभाग से जुड़े कर्मकारों ने उनका दाह संस्कार के लिए वही स्थान चुना जहां इंसान के शव जाते हों। शमसान आने-जाने वाले हर किसी की निगाह इन पर पड़ती और एक सवाल मन में कौंध कर रह जाता कि आखिर यहां क्यों? जागरण
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