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यज्ञ से आध्यात्मिक व भौतिक सुख की अनुभूति

बाबरपुर(औरैया), संवाद सूत्र : ग्राम अमावता के श्री रामजानकी मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 06:34 PM (IST)
यज्ञ से आध्यात्मिक व भौतिक सुख की अनुभूति

बाबरपुर(औरैया), संवाद सूत्र : ग्राम अमावता के श्री रामजानकी मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन आचार्य पंडित राकेश कुमार शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक व भौतिक सुख की अनुभूति प्राप्त होती है।

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आचार्य ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने दोस्ती की अमिट मिशाल पेश की है। उन्होंने कहा कि पत्नी के कहने पर गरीब ब्राहमण सुदामा दरबार में पहुंचता है तो द्वार पाल उसे भगा देते हैं, लेकिन जब भगवान श्रीकृष्ण को इसकी सूचना मिलती है तो वह दौड़े चले आते हैं और अपने सखा के कष्ट हरने के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। आचार्य ने कहा कि सच्चा दोस्त वही होता है जो दोस्त के दुख के समय काम आए। उन्होंने कहा कि आज के समय में यह परिभाषा पूरी तौर से बदल गई है। बहुत कम ऐसे दोस्त हैं, जो अपने सखा का कष्टों में साथ दे सकें। इसके लिए उन्होंने कलियुग में धन का प्रभाव भी बताया है। आचार्य ने कहा कि कपट रूपी मन को त्याग कर सच्ची भावना से प्रभु चरणों में प्रीति रखकर सुदामा की तरह भक्त भाव में सुशीला की तरह सद्बुद्धि प्रेरित होकर कृष्ण अर्थात ब्रह्मा के पास जाने वाले जीव को मुक्ति प्राप्त होती है। हरि नाम स्मरण व श्रीमद्भागवत कथा ही कलियुग में जीवन के मोक्ष का सबसे सरल व सुगम साधन है। कथा के बाद परीक्षित राज नारायण दीक्षित सहित अन्य लोगों ने भगवान की आरती उतारी। वहीं बड़ी संख्या में ग्रामवासी आयोजन की व्यवस्था से जुड़े हुए हैं।


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