दहेज लोभी पति ने की नवविवाहिता की हत्या
बिधूना (औरैया) संवाद सहयोगी : क्षेत्र के गांव रमनगरा में दहेज लोभी पति ने दो लाख की मांग पूरी न होने
बिधूना (औरैया) संवाद सहयोगी : क्षेत्र के गांव रमनगरा में दहेज लोभी पति ने दो लाख की मांग पूरी न होने पर अपनी पत्नी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। तहरीर के आधार पर पति व सास, ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू की गई है। मृतका का शव पोस्टमार्टम को भेजा गया है। घटना के बाद से आरोपी फरार है।
कन्नौज जनपद के इंदरगढ़ थाना के गांव परसूपुरवा निवासी दिनेश कुमार पांडेय ने अपनी पुत्री अनुराधा उर्फ सपना की शादी 24 फरवरी 2012 को क्षेत्र के गांव रमनगरा निवासी दिलीप पुत्र विनीत के साथ की थी। शादी के कुछ दिन बाद ही ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज के रूप में दो लाख की मांग करने लगे। इसके लिए उसे कई बार प्रताड़ित किया गया। उत्पीड़न से तंग आकर उसने मामले की जानकारी मायके वालों को दी। मायके वालों ने रिश्तेदारों के साथ बेटी के घर जाकर कई बार समझा बुझाया, लेकिन ससुरालीजन नहीं माने। बुधवार की रात अनुराधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सूचना मायके वालों को मिली तो वह मौके पर पहुंचे। यहां बेटी का लहूलुहान शव देखकर उनके होश उड़ गए। पिता दिनेश कुमार की तहरीर पर अनुराधा के पति दिलीप, ससुर विनीत व सास तारावती के खिलाफ दहेज हत्या व अन्य सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है। कोतवाल खलीक अहमद ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ को पुलिस टीमें रवाना की गई हैं।
छोटू के लिए इस रात की सुबह नहीं
छह माह पहले अनुराधा ने एक बेटे को जन्म दिया था। उसका ख्याल था कि बेटे के जन्म के बाद दहेज लोभी ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करना बंद कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ससुरालीजनों की मांग भी जारी रही और उसका लगातार उत्पीड़न भी होता रहा। अब अनुराधा का पुत्र छोटू छह माह का है। इस मासूम को यह भी पता नहीं कि एक काली रात ने उसके जीवन में ऐसा अंधेरा लिख दिया है। जिसका सूर्योदय अब कभी नहीं होगा। जिस पिता ने उसे जन्म दिया उसी ने उसके सिर से ममता का आंचल छीन लिया। फिलहाल छोटू नाना -नानी के सुपुर्द किया गया है। मासूम को देखकर अनुराधा के पिता दिनेश और मां सरला देवी धैर्य नहीं रख पा रहे थे तो मौके पर मौजूद लोग भी गमगीन दिखे। अनुराधा का भाई बॉबी और बहन रूबी गुमशुम अपनी दीदी का शव निहार रहे थे। उनकी आंखों से भी लगातार आंसू बह रहे थे।