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शहर में बाजार बंदी, पुतला फूंके

औरैया,जागरण संवाददाता:रविवार को हुई घटना को लेकर अखिल भारतीय व्यापार संगठन द्वारा की गई बाजार बंदी क

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 01:01 AM (IST)
शहर में बाजार बंदी, पुतला फूंके

औरैया,जागरण संवाददाता:रविवार को हुई घटना को लेकर अखिल भारतीय व्यापार संगठन द्वारा की गई बाजार बंदी की घोषणा आंशिक असर दिखा, लेकिन दोपहर बाद युवकों द्वारा सदर बाजार में पुलिस प्रशासन का पुतला फूंकने के बाद दो घंटे तक माहौल गरमाया रहा। बाद में पुलिस ने लाठी पटककर उपद्रवियों को खदेड़ा।

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सुबह के समय व्यापारी दुकानों पर पहुंचे, लेकिन बंदी की घोषणा के चलते दुकानें नहीं खुली थीं, लेकिन सुबह 10 बजे तक जब व्यापारी नेता नहीं निकले तो धीरे-धीरे दुकानें खुलने लगीं और अधिकतर बाजार खुल गए। दोपहर एक बजे तक सदर बाजार, गौशाला रोड, संकट मोचन मार्ग पर कम ही दुकानें बंद दिखाई दीं। हालांकि नुमाइश रोड पर पूरी तौर से बंदी का असर दिखा। दोपहर 1 बजे सदर बाजार में करीब सैकड़ा भर व्यापारी युवकों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंके व सदर बाजार की दुकानें बंद करा रहे थे तभी प्रभारी कोतवाल बृजमोहन वर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और लाठी पटक कर उपद्रवी युवकों को खदेड़ दिया। पुलिस के जाते ही युवक फिर एकत्र हो गए। यह क्रम लगातार जारी रहा। पुलिस द्वारा युवकों को खदेड़े जाने से भगदड़ मच गई जिसकी वजह से संकट मोचन मार्ग, सदर बाजार, फूलगंज बाजार सहित अन्य स्थानों के बाजार फिर पूरी तौर से बंद हो गए।

अफवाहों का बाजार रहा गर्म : व्यापार संगठनों द्वारा बाजारबंदी की घोषणा के बाद नगर में पूरे दिन अफवाहों का जोर रहा। शहर के कई बाजार दिन में अफवाहों के चलते कई बार खुले और बंद हुए। पूरे दिन अफवाहों के चलते दुकानें फूंके जाने की चर्चा रही। बाद में सही जानकारी पर लोगों ने फिर दुकानें खोल लीं।

बंदी का आह्वान कर गायब हुए नेता

औरैया: पुलिस ज्यादती के विरोध में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार संगठन द्वारा सोमवार को बाजार बंदी की घोषणा की गई थी, लेकिन या तो प्रशासन के भय से या फिर अन्य कोई कारण से संगठन के पदाधिकारी सड़कों पर नहीं दिखे।

बाजार बंदी की घोषणा के चलते शहर के बाजार कुछ देर से खुले। पूर्व में व्यापार मंडल द्वारा बाजार बंदी की घोषणा पर सदर बाजार से जुलूस निकालकर व्यापारियों से बंदी में सहयोग की अपील की जाती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए। संगठन के कई पदाधिकारी तक अपनी-अपनी दुकान खोले दिखे। उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष सुधीर पुरवार का कहना है कि रात में बाजार बंदी की घोषणा की गई थी। सुबह संगठन के अन्य पदाधिकारियों द्वारा मना कर दिए जाने से जुलूस नहीं निकाला जा सका। उनका कहना था कि उन्होंने अपना प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध दर्ज कराया है। व्यापारी संजय दीक्षित का कहना है कि बाजार बंदी की घोषणा की जानकारी सुबह हुई थी, लेकिन बाजार खुलने शुरू होने के बाद हम लोगों ने भी दुकानें खोल दीं। अशोक पोरवाल का कहना है कि बंदी की विधिवत सूचना न होने से दुकानें सुबह से ही खुल गई। व्यापारी शैलेंद्र गुप्त का कहना है कि सुबह 9 बजे तक दुकान नहीं खोली थी, लेकिन जब पूरा बाजार खुल गया तो मजबूरी में दुकान खोलनी पड़ी।


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