हिंदी भाषा आन, बान, शान और मान है ..
औरैया, जागरण संवाददाता : तिलक शोध संस्थान में हिंदी दिवस पर आयोजित काव्य गोष्ठी में संस्थान के अध्यक्ष डा. पीएन शुक्ल ने कहा कि दैनिक कार्यो और बोलचाल में हिंदी को स्वाभिमान के साथ प्रयोग करने की जरूरत है। कवियों ने मातृभाषा हिंदी के सम्मान में रचनाएं पढ़कर समां बांधा।
मुख्य अतिथि डा.शुक्ल ने कहा कि हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग भी हस्ताक्षर प्राय: अंग्रेजी में करते हैं। वाहनों की नंबर प्लेट, यहां तक कि घर के बाहर नाम पंिट्टका में भी अक्सर अंग्रेजी का प्रयोग नजर आता है। हिंदी दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि दैनिक कार्यकलाप में अधिकतम हिंदी का प्रयोग करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत शिवराम तिवारी ने सरस्वती वंदना से की। संस्था के महामंत्री रमेश शर्मा ने राष्ट्र भाषा हिंदी पूरे देश का सम्मान है, हिंदी भाषा आन, बान, शान और मान है। गोष्ठी में रवि शंकर शुक्ल, रमेश दीक्षित, रामनाथ गुप्त, अवध नारायण गुप्त, मिथुन मिश्र, आशीष मिश्र, गोविंद द्विवेदी ने भी काव्य पाठ किया।